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अमेरिका पहुंचा नरेंद्र मोदी के पास, मच गई खलबली?

By Ajay Mohan
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गांधीनगर। गुजरात दंगों के बाद से जिस नरेंद्र मोदी पर अमेरिका ने वीजा प्रतिबंध लगा दिया था, आज उसी मोदी से अमेरिका मिलने पहुंचा। यह मुलाकात गांधीनगर में हुई, लेकिन हलचल देश भर में फैल गई। इस मुलाकात के बाद कई सवाल सभी के जहन में घूमने लगे हैं साथ ही कईयों के दिमाग में खलबली मची हुई है। मोदी-पॉवेल की मुलाकात का यह घटनाक्रम नरेंद्र मोदी के प्रति अमेरिकी रुख में बड़े बदलाव को रेखांकित करता है।

भारत में अमेरिका की राजदूत नैंसी पॉवेल ने गांधीनगर में भाजपा के पीएम पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी से मुलाकात कीं। नैंसी मोदी से गांधीनगर स्थित मुख्यमंत्री आवास में मिलीं। मुलाकात करीब एक घंटे तक चली। इस मुलाकात को नौ साल से जारी मोदी का बहिष्कार खत्म करने का अमेरिकी संकेत माना जा रहा है।

मुलाकात में क्या बातें हुई, इसका खुलासा अभी नहीं किया गया है, लेकिन सूत्रों के अनुसार नैंसी पॉवेल मोदी से इस खास मुलाकात में आगामी लोकसभा चुनाव से जुड़े मुद्दों और देश के बारे में उनकी दृष्टि पर चर्चा हुई है।

सवाल और खलबली तस्वीरों के साथ देखें स्लाइडर में।

पहला कारण

पहला कारण

2011 और 2012 में चीन और जापान ने नरेंद्र मोदी को न्योता दिया और औद्योगिक रिश्तों पर चर्चा की। जापान ने इंडस्ट्र‍ियल कॉरीडोर बनाने की डील पर भी सहमति प्रदान कर दी। ऐसे में अमेरिका के खलबची मचना स्वाभाविक था, यही कारण है कि मोदी की ओर अमेरिका ने हाथ बढ़ाया।

दूसरा कारण

दूसरा कारण

दूसरा सबसे बड़ा कारण यह है कि अमेरिका का थ‍िंक टैंक पिछले पांच साल से बार-बार नरेंद्र मोदी की उपलब्ध‍ियों का फीडबैक व्हाइट हाउस को दे रहा है।

तीसरा कारण

तीसरा कारण

तीसरा सबसे बड़ा कारण है सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित एसआईटी की क्लीन चिट। गुजरात दंगों पर एसआईटी से क्लीन चिट मिलने के बाद तमाम अमेरिकी अखबारों ने खबर प्रकाशित की और लेख लिखे। जाहिर है खबर व्हाइट हाउस भी पहुंची। इस मुलाकात से यह साफ है कि अमेरिका भी अब मानता है कि मोदी का दंगों में कोई हाथ नहीं था।

खलबली नंबर 1

खलबली नंबर 1

सबसे पहली खलबली कांग्रेस के खेमे में मची हुई है। कांग्रेसी नेता मौन हैं, लेकिन यह मुलाकात उन्हें कांटे की तरह चुभ रही है, क्योंकि इससे मोदी की प्रधानमंत्री पद के लिये दावेदारी और मजबूत हो गई है।

खलबली नंबर 2

खलबली नंबर 2

दूसरी खलबली समाजवादी पार्टी में मची है, जो खुद को मुलसमानों का स्वयंभू ठेकेदार मानती है। यह बात सपा सांसद नरेश अग्रवाल के वक्तव्य में साफ झलक कर आयी, जब उन्होंने का कि ऐसे अमेरिकी राजदूतों पर प्रतिबंध लगा देना चाहिये।

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English summary
U.S. Ambassador Nancy Powell travelled today to Gandhinagar to mark a significant change in U.S. Foreign Policy as she sat down with Narendra Modi, the BJP’s PM candidate, after a what is a 9 year long chill.
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