वाराणसी में नरेंद्र मोदी और केजरीवाल, चुनावों का सुपरहिट मुकाबला
वाराणसी में पांच विधानसभा क्षेत्र, वाराणसी नॉर्थ, वाराणसी साउथ, वाराणसी कैंट, रोहानिया और सेवापुरी आते हैं। वाराणसी सीट इसलिए भी काफी अहम मानी जाती है क्योंकि यह क्षेत्र लोकसभा चुनावों में सबसे ज्यादा सीटों का योगदान करता है।
पढ़ें- 2014 के शीर्ष उम्मीदवार
साल 2009 में हुए चुनावों में यहां पर बीजेपी के नेता डॉक्टर मुरली मनोहर जोशी को कुल 2,03,122 वोट्स हासिल हुए थे और उन्होंने बीएसपी के मुख्तार अंसारी, समाजवादी पार्टी के अजय राय और कांग्रेस पार्टी के राजेश कुमार मिश्रा को हराया था।
कौन
हैं
नरेंद्र
मोदी
बीजेपी
के
प्रधानमंत्री
पद
के
उम्मीदवार
और
गुजरात
के
मुख्यमंत्री
नरेंद्र
मोदी
की
इमेज
एक
'प्रो-हिंदुत्व'
नेता
के
तौर
पर
है।
मोदी
पहली
बार
वाराणसी
और
पहली
ही
बार
बड़ोदरा
से
चुनाव
लड़ेंगे।
बड़ोदरा
उनका
गृहनगर
है।
मोदी
साल
2013
से
चुनाव
प्रचारों
में
लगे
हुए
हैं।
बुधवार
को
जम्मू
में
हुई
एक
रैली
में
मोदी
ने
पहली
बार
अरविंद
केजरीवाल
पर
हमला
बोला
जब
उन्होंने
सीधे
शब्दों
में
अरविंद
केजरीवाल
को
पाकिस्तान
का
एजेंट
तक
करार
दे
डाला।
वाराणसी
से
नरेंद्र
मोदी
का
चुनाव
लड़ना
बीजेपी
की
रणनीति
का
एक
अहम
हिस्सा
है
और
पार्टी
के
राष्ट्रीय
महासचिव
अनंत
कुमार
की
ओर
से
इस
बात
की
पुष्टि
की
जा
चुकी
है।
अनंत कुमार ने कहा था वाराणसी से मोदी को चुनाव लड़ाने की वजह से इस क्षेत्र से ज्यादा से ज्यादा वोट्स हासिल करना है। अनंत कुमार के मुताबिक वाराणसी की भौगोलिक स्थिति को देखने के बाद और कैसे मोदी की वजह से आसपास के इलाकों जैसे बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ पर कितना प्रभाव पड़ेगा इन दो कारकों को ध्यान में रखकर ही यह फैसला लिया गया था। अनंत कुमार मानते हैं कि न सिर्फ उपरोक्त राज्यों बल्कि उत्तराखंड, दिल्ली और हरियाणा में भी पार्टी को फायदा मिलेगा।
कौन
हैं
अरविंद
केजरीवाल
एक
आईआरएस
अधिकारी,
एक
सामाजिक
कार्यकर्ता
और
अब
एक
राजनेता
अरविंद
केजरीवाल
भारतीय
राजनीति
के
नए
खिलाड़ी
हैं।
दिल्ली
में
49
दिनों
तक
शासन
करने
और
फिर
मुख्यमंत्री
पद
को
अलविदा
कहने
के
साथ
ही
उन्होंने
साबित
कर
दिया
कि
वह
राजनीति
का
खेल
भी
खेलने
की
ताकत
रखते
हैं।
दिल्ली
के
बाद
अब
अरविंद
केजरीवाल
और
आप
पार्टी
ने
लोकसभा
2014
के
चुनावों
को
जीतने
पर
अपनी
नजरें
जमा
दी
हैं।
आप पार्टी की ओर से अभी तक 350 उम्मीदवारों के नाम का ऐलान किया जा चुका है और पार्टी का फैसला है कि वह नरेंद्र मोदी के खिलाफ अरविंद केजरीवाल को ही चुनाव लड़ाएगी। केजरवाल ने भी वाराणसी की अपनी रैली में इस बात का ऐलान कर दिया कि वह मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ने के लिए तैयार है। केजरीवाल ने वाराणसी की जनता के सामने ऐलान किया कि वह मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ने को तैयार हैं लेकिन उनके पास चुनाव लड़ने के लिए पैसे नहीं हैं। वोटर्स को पार्टी के पक्ष में वोट करने की अपील करने के मकासद से वह रोड शो में बिजी रहे।
क्या
मानते
हैं
विशेषज्ञ
नरेंद्र
मोदी
साल
2001
से
गुजरात
के
मुख्यमंत्री
हैं
जबकि
अरविंद
केजरीवाल
ने
सिर्फ
49
दिनों
के
अंदर
ही
अपने
पद
से
इस्तीफा
दे
दिया
था।
केजरीवाल
का
राजनीतिक
अनुभव
मोदी
के
सामने
बहुत
ही
कमजोर
है।
ऐसे
में
हो
सकता
है
मोदी
को
केजरीवाल
के
सामने
एक
बड़ी
विजय
आसानी
से
हासिल
हो
सकती
है।
वहीं
केजरीवाल
के
पास
समर्थकों
का
अपना
एक
समूह
हैं
जो
कि
भ्रष्टचार
के
खिलाफ
लड़ने
को
तैयार
है
और
उसे
राजनीति
में
बदलाव
चाहिए
लेकिन
यह
भी
सच
है
कि
मोदी
की
तुलना
में
उनकी
क्षमताएं
कमजोर
पड़
जाती
हैं।