पाकिस्तान चाहता है कि नरेंद्र मोदी ही बनें देश के पीएम
दरसअल यह पाकिस्तान, बिहार के पूर्णिया जिले में स्थित एक छोटा सा गांव हैं जहां की आबादी करीब 250 है और जहां मतदाताओं की संख्या करीब 100 से ज्यादा है। पाकिस्तान गांव के लोग सिर्फ नरेंद्र मोदी को ही वोट देना चाहते हैं और उन्होंने इसकी पूरी तैयारी भी कर ली है।
इसलिए
सिर्फ
बीजेपी
को
मिलेगा
वोट
यहां
रहने
वाली
हीरा
हेमब्रूम
कहती
हैं,
'हम
सिर्फ
नरेंद्र
मोदी
को
ही
देश
का
प्रधानमंत्री
देखना
चाहते
हैं।'
उनके
इन
ख्यालों
को
एक
और
गांव
वाले
का
समर्थन
मिलता
है।
यहां
के
लोग
गरीबी
और
अभाव
का
जीवन
जीने
को
मजबूर
हैं।
पाकिस्तान गांव पूर्णिया जिले से 30 किमी की दूरी पर स्थित श्रीनगर ब्लॉक की सिंघिया पंचायत के तहत आता है। पाकिस्तान गांव के एक और निवासी हाल्दू मुरमू कहते हैं कि यहां के लोग बीजेपी को वोट डालेंगे ताकि मोदी देश के प्रधानमंत्री बन सकें।
मोदी
बनें
प्रधानमंत्री
तभी
चुप
होगा
पाक
इस
गांव
की
एक
और
खास
बात
है
कि
गांव
में
एक
भी
मुसलमान
परिवार
नहीं
है
और
यहां
पर
संथल
नामक
जनजाती
रहती
है।मुरमू
बताते
हैं
कि
अगर
मोदी
देश
के
प्रधानमंत्री
बन
गए
तो
फिर
पड़ोसी
मुल्क
पाकिस्तान
की
ओर
से
जारी
अशांति
की
प्रक्रिया
पर
लगाम
लग
सकेगी।
उनकी
मानें
तो
सिर्फ
मोदी
ही
ऐसा
कर
सकते
हैं।
पूर्णिया
में
24
अप्रैल
को
वोट
डाले
जाएंगे।
कैसे
पड़ा
गांव
का
नाम
पाकिस्तान
पुलिस
अधिकारियों
के
मुताबिक
सरकारी
दस्तावेजों
में
भी
इसका
नाम
पाकिस्तान
ही
दर्ज
है।
इस
गांव
में
रहने
वाले
बुजुर्गों
के
मुताबिक
गांव
का
नाम
देश
में
वर्ष
1947
में
हुए
बंटवारे
के
बाद
ही
पाकिस्तान
पड़
गया
था।
बहुत
से
ऐसे
मुसलमान
जो
यहां
पर
रहते
थे,
वह
जगह
को
छोड़कर
ईस्ट
पाकिस्तान,
जो
कि
अब
बांग्लादेश
है,
वहां
पर
चले
गए।
तब
गांव
के
बुजुर्गों
ने
सोचा
कि
इस
गांव
का
नाम
उन्हीं
लोगों
की
याद
में
पाकिस्तान
कर
देना
चाहिए।
बिहार का पाकिस्तान भी काफी गरीब है और यहां के लोग साक्षर नहीं हैं। पूर्णिया जिले की साक्षरता दर सिर्फ 31.51% प्रतिशत ही है। गांव तक जाने वाली सड़कों की हालत बहुत ही खराब है। साथ ही इस गांव में एक भी स्कूल या फिर हॉस्पिटल नहीं है।
जब
सोचा
गांव
का
नाम
बदलने
के
बारे
में
हालांकि
इस
गांव
के
लोगों
को
पड़ोसी
पाकिस्तान
से
खासी
नफरत
है।
मुरमू
को
आज
भी
याद
है
जब
मुंबई
पर
2611
जैसा
हमला
हुआ
था
जिसमें
166
लोगों
की
मौत
हो
गई
थी।
उस
समय
गांव
वाले
यहां
का
नाम
बदलने
तक
पर
विचार
करने
लगे
थे।
लोग
बताते
हैं
कि
जब
उस
हमले
के
दोषी
अजमल
कसाब
हो
दो
साल
पहले
फांसी
दी
गई
थी
तो
गांव
में
जश्न
का
माहौल
था।
वर्ष 2012 में बिहार के मुख्यमंत्री नितीश कुमार की ओर से पाकिस्तान से आए एक प्रतिनिधिमंडल को जानकारी दी गई थी कि उनके राज्य में पाकिस्तान नामक कोई गांव भी है। उन्होंने पाक से आए प्रतिनिधि मंडल को गांव का नक्शा भी दिखाया था।