10 अप्रैल को वोटिंग और जम्मू में जारी आतंकी वारदात
मंगलवार को सुबह पहले कुपवाड़ा में सेना और आतंकियों के बीच मुठभेड़ चल ही रही थी कि अनंतनाग में आतंकियों ने फायरिंग शुरू कर दी। अनंतनाग के लाल चौक में हुई फायरिंग में एक जवान की मौत की खबरें हैं।
कुपवाड़ा में हुई मुठभेड़ में जहां सेना का एक अफसर शहीद हो गया तो वहीं जम्मू पुलिस के एक जवान की भी मौत हो गई है। कुपवाड़ा में हुई मुठभेड़ के बाद दो जवानों के गायब होने की भी खबरें हैं।
घाटी
में
मौजूद
हैं
100
आतंकी
!
पिछले
कुछ
दिनों
से
जम्मू
में
आतंकी
वारदातों
का
सिलसिला
जारी
है।
एक
अप्रैल
को
कठुआ
में
आर्मी
की
यूनिफॉर्म
में
आए
आतंकवादियों
की
ओर
से
हमला
किया
गया
जिसमें
सेना
का
एक
जवान
तो
शहीद
हुआ
ही
साथ
में
तीन
स्थानीय
नागरिकों
की
भी
मौत
हो
गई
थी।
इस हमले के बाद से ही कुछ आतंकी गायब हैं और इस बात की संभावना जताई जा रही है कि चुनावों के दौरान यह आतंकी बड़ी गड़बड़ियों को अंजाम दे सकते हैं। कश्मीर में शांति के साथ चुनाव सेना, स्थानीय पुलिस और चुनाव आयोग के लिए एक बड़ी चुनौती बन गए हैं।
पिछले साल अक्टूबर में आर्मी चीफ जनरल बिक्रम सिंह और सेना के कुछ वरिष्ठ अधिकारियों की ओर से जानकारी दी गई थी कि करीब 90 आतंकी घाटी में दाखिल हो चुके हैं। अब इस बात का डर सता रहा है कि कहीं जम्मू और घाटी में वोटिंग के दौरान आतंकी किसी बड़े हमले को न अंजाम न दे दें।
गृह मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2012 में कम से कम 120 खतरनाक आतंकी घाटी में दाखिल हुए तो वहीं साल 2013 में इस आंकड़ें में इजाफा हुआ है। सितंबर 2013 तक कम से कम 90 से लेकर 100 आतंकी सीमा पार से देश में दाखिल हो चुके थे।
विशेषज्ञों के मुताबिक कश्मीर में हिंसा में कमी है लेकिन आतंकियों की ओर से कुछ वारदातों के साथ लोगों में दहशत का माहौल बरकरार रखने की कोशिश की जा रही है। कश्मीर में 10 अप्रैल से वोटिंग की शुरुआत होगी और पांच चरणों में सात मई तक यहां पर वोट डाले जाएंगे। इंटेलीजेंस ब्यूरों की रिपोर्ट के मुताबिक जैश-ए-मोहम्मद की ओर से चुनावों के दौरान बड़ी साजिश को अंजाम देने की योजना तैयार की गई है।
ऐसे में सेना और पुलिस अत्यधिकत सतर्कता बरते रहे हैं। हालांकि मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्लाह की ओर से भरोसा दिलाया है कि सुरक्षा के सारे इंतजाम किए गए हैं और चुनावों के दौरान किसी भी तरह के हमले को अंजाम नहीं दिया जाएगा।