महिलाओं के लिए सबसे सुरक्षित राज्य है तमिलनाडु :जयललिता
महिलाओं की सुरक्षा पर बात करते हुए जयललिता ने संतुष्ट होकर दृढ़ता के साथ कहा कि प्रदेश की पुलिस फोर्स चौबिस घंटे चौकसी बरतती है और वह हर आपराधिक शिकायतों पर भी सख्ती के साथ कार्रवाई करती है। उन्होंने कहा कि 2011 में मुख्यमंत्री बनने के बाद लगातार राज्य में हो रही आपराधिक घटनाओं में कमी देखी गई है।
पुलिस विभाग के लिए अनुदान पर एक बहस के दौरान जयललिता ने कहा कि 2010 में जहां प्रदेश में 165 दहेज के केस सामने आए थे, वहीं 2011 में यह घट कर 118 हो गई थी। वहीं, महिलाओं के साथ हो रहे शारीरिक हिंसा में भी 2010 से 2013 तक में 51 प्रतिशत कमी देखी गई। उन्होंने कहा कि पुलिस की सक्रियता देखते हुए ही अब महिलाएं भी सामने आकर शिकायतें दर्ज करवाती हैं। जब पुलिस के काम के टाइमिंग पर चर्चा की गई तो उन्होंने कहा कि पुलिस की नौकरी कोई निश्चित समय के लिए नहीं हो सकती कि उसे आठ घंटों में बांध दिया जाए।
डीएमडीके
के
चंद्रकुमार
ने
जब
प्रश्न
उठाया
कि
तमिलनाडु
में
2012
के
बाद
से
अभी
तक
पुलिस
के
विरोध
में
12,
232
प्रदर्शन
हो
चुके
हैं।
तो
जयललिता
ने
सारे
राज्यों
पर
निशाना
साधते
हुए
कहा
कि
ऐसा
इसलिए
क्योंकि
तमिलनाडु
में
लोकतांत्रिक
तरीके
से
प्रदर्शन
करने
की
अनुमति
है।
जबकि
पश्चिम
बंगाल,
मध्यप्रदेश
जैसे
राज्यों
में
आसानी
से
प्रदर्शन
करने
की
अनुमति
नहीं
मिलती।
वहीं,
पुलिस
अधिकारियों
के
रिक्त
पदों
पर
जयललिता
ने
बताया
कि
तमिलनाडु
सरकार
ने
तमिलनाडु
यूनिफॉमर्ड
सर्वसेज
रिक्रूटमेंट
बोर्ड
को
ग्रेड-2
के
13,
078
कॉन्सटेबल
और
तमिलनाडु
स्पेशल
पुलिस
के
लिए
180
लोगों
को
भर्ती
लेने
का
आदेश
दिया
है।
बहरहाल, देश में महिलाओं के प्रति बढ़ती आपराधिक घटनाओं को देखते हुए तमिलनाडु की स्थिति को बेहतर जरूर कहा जा सकता है। वहीं उम्मीद है कि अन्य राज्य भी कानून व्यवस्था के मापदंडों को इतने ही गंभीरता से और सक्रियता के साथ लोगों के सामने लाएं।