पहले दौर की वोटिंग में 75% तक मतदान, युवाओं की सबसे बड़ी भागीदारी
पहले
दौर
की
वोटिंग
में
75%
से
ज्यादा
मतदान,
युवाओं
की
सबसे
बड़ी
भागीदारी
सोमवार
से
लोकसभा
चुनावों
का
आगाज
हो
गया
और
इ
सके
साथ
ही
एक
नया
रिकॉर्ड
भी
कायम
हुआ।
असम
और
त्रिपुरा
दोनों
ही
जगहों
पर
ज्यादा
से
ज्यादा
मतदाता
इस
बार
वोट
डालने
के
लिए
घरों
से
बाहर
निकले।
दोनों
ही
जगहों
पर
युवा
और
महिला
मतदाताओं
की
संख्या
सबसे
ज्यादा
रही।
पहले
दौर
में
रिकॉर्ड
वोटिंग
ने
चुनाव
आयोग
के
चेहरे
पर
मुस्कान
लाने
का
काम
किया
है।
असम में लोकसभा की 14 सीटों में पांच सीटों के लिए मतदाताओं ने वोट डाले तो वहीं त्रिपुरा की दो सीटों में से एक सीट के लिए वोट डाले गए। सुबह सात बजे से ही दोनों जगहों पर वोटिंग शुरू हो गई थी और शाम पांच बजे तक चली इस वोटिंग में ज्यादा से ज्यादा लोग अपने घरों से बाहर निकले। नौ चरणों में होने वाले मतदान के लिए 12 मई को अंतिम दौर का मतदान होगा और नतीजे 16 मई को आएंगे। असम की तेजपुर, जोरहाट, कलियाबोर, डिब्रूगढ़ और लखीमपुर लोकसभा सीटों से अनुमानत: 64 लाख मतदाता अपने मताधिकार का उपयोग किया।
असम का तेजपुर ऐसा इलाका रहा जहां पर सबसे ज्यादा 75 प्रतिशत तक वोटिंग रिकॉर्ड किया गया है। खास बात यह रही कि हिंसा प्रभावित हिस्सों से भी किसी तरह की हिंसा की कोई भी खबर नहीं आई। कहीं कहीं पर मतदाताओं को खराब इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन का सामना करने को मजबूर होना पड़़ा लेकिन आयोग की ओर से इस समस्या को भी जल्द ही सुलझा लिया गया।
चुनाव आयोग के चेहरे पर मुस्कान
सोमवार को असम और त्रिपुरा में पहले दौर की वोटिंग के साथ ही लोकसभा चुनावों का आगाज हो गया। चुनाव आयोग के मुताबिक दोनों ही जगहों पर मतदान का प्रतिशत 75 प्रतिशत के आसपास दर्ज किया गया।
आयोग खुश हुआ
त्रिपुरा में मतदान का प्रतिशत 70 प्रतिशत से ज्यादा दर्ज किया गया। चुनाव आयोग के मुताबिक दोनों ही जगहों पर जिस तरह से वोटर अपने घरों से बाहर निकले हैं, वह काबिल-ए-तारीफ है।
महिला मतदाताओं की मौजूदगी खास
जिस तरह से महिला मतदाता ज्यादा से ज्यादा संख्या में घरों से बाहर निकलीं वह भी देखने वाला था। विशेषज्ञों के मुताबिक उल्फा की हिंसा से प्रभावित असम और त्रिपुरा में महिला मतदाताओं का इस तरह से वोट के लिए घरों से बाहर निकलना प्रशंसनीय है।
सुबह से मतदान केंद्र पर रही भीड़
यूं तो मतदान का समय सुबह सात बजे से था लेकिन मतदाता वोट के लिए इस कदर उत्साहित थे कि वह समय से पहले ही मतदाता केंद्र पर पहुंच गए थे। ऐसे में सुबह से ही मतदाताओं की भीड़ पोलिंग बूथ पर मौजूद थी।
मुख्यमंत्री भी पहुंचे पोलिंग बूथ
असम के मुख्यमंत्री तरुण गोगोई भी पोलिंग बूथ पर भी आम जनता के बीच वोटिंग के लिए मौजूद रहे। तरुण ने साफ कहा कि असम में मोदी की हवा है ही नहीं और जो लोग ऐसा मानते हैं उन्हें 16 मई का इंतजार करना होगा।
मुख्यमंत्री के बेटे भी नहीं रहे पीछे
सेामवार को असम में वोटिंग के दौरान मुख्यमंत्री तरुण गोगोई के बेटे गौरव गोगोई भी मतदान केंद्र पर अपनी पत्नी के साथ वोट डालने के लिए मौजूद रहे। गौरव असम के कालियाबोर से कांग्रेस के टिकट पर पहला लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं।
सुरक्षाबलों के साए में वोटिंग
असम और त्रिपुरा दोनों ही जगहों पर अर्धसैनिक बलों की 240 कंपनियां तैनात की गई थीं। खास बात यह है कि दोनों ही जगहों पर मतदान शांतिपूर्ण रहा।
त्रिपुरा के मुख्यमंत्री भी मौजूद
त्रिपुरा के मुख्यमंत्री मानिक सरकार ने भी अगरतला में अपने मताधिकार का प्रयोग किया।
रिकॉर्ड वोटिंग ने जीता दिल
असम का तेजपुर ऐसा इलाका रहा जहां पर रिकॉर्ड वोटिंग दर्ज की गई। तेजपुर में शाम पांच बजे तक 73 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया।
रिकॉर्ड वोटिंग ने जीता दिल
असम के जोरहट में 65 प्रतिशत, डिब्रूगढ़ में 70 प्रतिशत, लखीमपुर में 67 प्रतिशत वोटिंग दर्ज की गई।