गैलप ने अपने सर्वे में बताई कांग्रेस की हार की वजह
नई दिल्ली /वाशिंगटन। अमेरिका की अग्रणी पब्लिक ओपिनियन संस्था गैलप ने अपने एक सर्वे में कहा है कि बहुत से भारतीय देशभर में व्याप्त भ्रष्टाचार को एक बड़ी समस्या के तौर पर देखते हैं और उन्हें लगता है कि वर्तमान सरकार इस समस्या से निबटने के लिए सभी जरूरी प्रयासों को नहीं अपना रही है। गैलप के मुताबिक भ्रष्टाचार का मुद्दा इन चुनावों में वोटर्स के बीच काफी बड़ी मात्रा में व्याप्त रहने वाला है।
गैलप के सर्वे के मुताबिक चुनावों में एक दूसरे से होड़ लगा रही राजनीतिक पार्टियां दावा कर रही हैं कि वह इस समस्या से बेहतरी से निबट सकती हैं और इस समस्या को दूर करने के लिए कड़े उपाय करेंगे।
लेकिन इसके बावजूद देश के सभी वोटरों जिनमें पहली बार वोट करने जा रहे 150 मिलियन वोटरों के बीच बड़े स्तर पर यह मुद्दा मौजूद रहने वाला है। वह वोट करते समय इस मुद्दे पर जरूर ध्यान देंगे।
गैलप ने अपने सर्वे में यह बात भी कही है कि सर्वे में जो रेस्पांस आए हैं उनमें अंतर की वजह से उस क्षेत्र की स्थानीय सरकार की ओर से भ्रष्टाचार को खत्म करने के उपायों की वजह से है। गैलप की मानें तो यह सर्वे भारतीय सरकार के लिए राय नहीं व्यक्त करता है। हालांकि इस सर्वे में सवाल के तहत देश की सरकार के बारे में ही विचार जानने के मकसद से रखे गए थे।
गैलप की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक सर्वे के नतीजे 3,000 व्यस्क वोटर, 15 वर्ष और इससे ज्यादा की आयु वाले वोटरों के बीच सितंबर-अक्टूबर 2013 के दौरान हुए इंटरव्यू पर आधारित हैं। वर्ष 2013 से पहले
गैलप ने वर्ष 2008 से वर्ष 2012 के बीच करीब 2,000 से लेकर 5,000 लोगों का इंटरव्यू किया था। वर्ष 2013 और वर्ष 2012 के सैंपलों बीच कुछ ही प्वाइंट्स का अंतर है।
54 प्रतिशत मतदाता सरकार से निराश
गैलप के सर्वे से साफ है कि देश के ज्यादातर मतदाता यानी 51 प्रतिशत मतदाताओं को लगता है कि वर्तमान सरकार भ्रष्टाचार के लिए जरूरी उपायों को लागू करने में नाकाम रही है। इसकी वजह से ही कांग्रेस पार्टी को चुनावों में भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है।
54 प्रतिशत युवाओं ने नकारा कांग्रेस को
गैलप के मुताबिक देश के 54 प्रतिशत ऐसे वोटर जिनकी उम्र 18 से 34 साल के बीच है और जो किसी भी राजनीति पार्टी का भविष्य तय करने का माद्दा रखते हैं, वह कांग्रेस को नकार चुके हैं।
तीन चौथाई युवाओं ने मानी हकीकत
गैलप के सर्वे के मुताबिक 18 से 34 वर्ष के आयु के बीच के तीन चौथाई भारतीय युवा मानते हैं कि सरकार में भ्रष्टाचार बड़े स्तर पर फैला हुआ है।
76 प्रतिशत व्यस्क निराश
गैलप के इस सर्वे पर अगर यकीन करें तो 35 वर्ष से 54 वर्ष की आयु के बीच 76 प्रतिशत लोग और 55 या इससे ज्यादा आयु के 72 प्रतिशत लोग भी युवाओं से सरोकार रखते हैं। यह लोग भी देश में फैले भ्रष्टाचार से खासे निराश हैं।
उत्तर के मतदाता जागरुक
गैलप के मुताबिक उत्तर में रहने वाले मतदाता भ्रष्टाचार के खिलाफ संदेश देने में दक्षिण के मतदाताओं की तुलना में आगे है। गैलप ने कहा है कि जहां उत्तरी हिस्से में 10 में से नौ भारतीयों ने माना कि भ्रष्टाचार बड़े स्तर पर व्याप्त है तो वहीं दक्षिण के सिर्फ 65 प्रतिशत मतदाता ही ऐसा मानते हैं।
दक्षिण का अंतर
गैलप ने जब वर्ष 2012 में सर्वे कराया था तो दक्षिण में करीब 82 प्रतिशत मतदाताओं ने भ्रष्टाचार को बड़े स्तर पर फैली हुई समस्या के तौर पर देखा था। दक्षिण के मतदाताओं के मुताबिक भ्रष्टाचार के मुद्दे को वह चाहकर भी अपने दिमाग से दूर नहीं कर पाते हैं।
पूर्व भारत के लोगों की राय
गैलप ने बताया है कि देश के पूर्वी हिस्से के 50 प्रतिशत मतदाता कांग्रेस से संतुष्ट हैं और मानते हैं कि पार्टी ने भ्रष्टाचारक को दूर करने के लिए सभी जरूरी उपाय किए हैं। ज बकि उत्तर भारत के 80 प्रतिशत मतदाता कांग्रेस से असंतुष्ट हैं।
युवाओं की अलग-अलग सोच
गैलप की ओर से दिए गए बयान के मुताबिक देश के ज्यादातर युवा चुनावों के दौरान ईमानदारी वाले मुद्दों पर बंटे-बंटे नजर आते हैं। जहां 46 प्रतिशत युवाओं का मानना है कि वह प्रक्रिया में भरोसा रखते हैं तो वहीं 43 प्रतिशत युवाओं का मानना है कि उन्हें इस पर जरा भी भरोसा नहीं है।