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सुप्रीम कोर्ट का किंगफिशर एयरलाइंस की याचिका पर विचार से इनकार, मुश्किल में माल्या
नई दिल्ली। विजय माल्या पर लटकी कर्ज की तलवार अब उनकी मुश्किलें बढ़ा सकती है। सुप्रीम कोर्ट ने किंगफिशर को यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की शिकायत निदान समिति द्वारा जानबूझ कर कर्ज नहीं चुकाने वाला घोषित करने वाली याचिका पर विचार से इनकार कर दिया।
सर्वोच्च अदालत ने कहा कि समिति पहले ही इस संबंध में आदेश दे चुकी है ओर इसलिए किंगफिशर की याचिका अर्थविहीन है। न्यायमूर्ति ए आर दवे और न्यायमूर्ति उदय यू ललित की खंडपीठ का कहना है कि आपकी समस्या यह थी कि शिकायत निदान समिति को इस मामले में फैसला नहीं करना चाहिए पर उन्होंने पहले ही इस पर फैसला कर लिया है।
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गौरतलब है कि किंगफिशर एयरलाइंस ने आरोप लगाया था कि शिकायत निदान समिति ने उनके इस अनुरोध को नजरअंदाज करते हुये आदेश पारित किया है कि वकील को उनके निदेशक का प्रतिनिधित्व करने की अनुमति मिले।
कोर्ट ने जब यह कहा कि उनकी याचिका निर्थक हो गयी है तो एयरलाइन के वकील ने कहा कि वह संबंधित उच्च न्यायालय में समिति के आदेश को अवश्य ही चुनौती देंगे। यूनियन बैंक ऑफ इंडिया कर्ज में डूबी किंगफिशर ओर इसके प्रमोटर विजय माल्या को जानबूझ कर कर्ज नहीं चुकाने वाला बताकर पहला बैंक बन गया है।
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English summary
Supreme Court refused to petition by Kingfisher Airlines
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