सुब्रत रॉय को नहीं मिली जमानत, पेश किया नया प्रस्ताव
प्रस्ताव के मुताबिक, पहले राय को रिहा किया जाना चाहिए और सहारा समूह की कंपनियों एसआईआरईसीएल और एसएचआईसीएल तथा अन्य के खातों तथा अन्य संपत्तियों पर से लगाई गई रोक हटाई जानी चाहिए। अदालत ने कहा कि वह प्रस्ताव पर सोमवार को विचार करेगी। नया प्रस्ताव सोमवार की सुनवाई के आखिर में वकील राजीव धवन ने पेश किया।
अदालत राय की याचिका की सुनवाई कर रही थी, जिसमें राय और एसआईआरईसीएल तथा एसएचआईसीएल के दो अन्य निदेशकों को हिरासत में भेजने के अदालत के चार मार्च के आदेश को चुनौती दी गई है। अदालत ने 31 अगस्त 2012 और पांच दिसंबर 2012 के आदेश के जरिए सहारा समूह की दोनों कंपनियों को सेबी के जरिए निवेशकों को 24 हजार करोड़ रुपये लौटाने का आदेश दिया था।
सहारा ने 5,120 करोड़ रुपये जमा कर दिए थे, लेकिन बाकी राशि का अब तक भुगतान नहीं किया गया है। सर्वोच्च न्यायालय ने 26 मार्च 2014 को राय से कहा था कि न्यायिक हिरासत से अंतरिम जमानत पर रिहाई के लिए उन्हें अदालत की रजिस्ट्री में 10 करोड़ रुपये जमा करना होगा।
अदालत ने कहा था कि 10 हजार करोड़ रुपये में से पांच हजार करोड़ रुपये नकद और शेष पांच हजार करोड़ रुपये की किसी राष्ट्रीयकृत बैंक गारंटी जमा करनी होगी, जो बाजार नियामक सेबी के पक्ष में देय होगी। अदालत ने कहा था कि अदालत की रजिस्ट्री से यह राशि सेबी को दे दी जाएगी। इस मामले की अगली सुनवाई सोमवार को होगी।