60 लाख जिंदगियों के लिये नासूर बन गये हैं सहारा श्री सुब्रत रॉय
सहारा में काम करने वाले कर्मचारियों को एक आदेश जारी किया गया है कि वो सुब्रत रॉय को तिहाड़ से बाहर निकालवाने के लिये पैसे एकत्र करें। आगे की बात करने से पहले आपको बता दें कि सहारा में 12 लाख कर्मचारी काम करते हैं जिसमें 50 हजार फूल टाइमर है और 11 लाख 50 हजार कर्मचारी रीटेनर, एजेंट और फील्ड वर्कर हैं।
सहारा ने अपने कर्मचारियों को आदेश जारी किया है कि या तो वो सुब्रत रॉय को छुड़ाने के लिये पैसे जमा करे या फिर नौकरी छोड़ दें। नाम न प्रकाशित करने की शर्त पर सहारा समूह के एक कर्मचारी ने बताया कि जो अधिकारी वर्ग के हैं उनसे एक लाख रुपये, उनसे नीचे वर्ग के कर्मचारियों से 25 हजार रुपये और आफिस ब्वॉय वर्ग के कर्मचारियों से 5 हजार रुपये वसूले जाएंगे।
इस तरह कुल पांच हजार करोड़ रुपए जुटाए जाने है। यह रकम सहारायन ई-मल्टीपर्पज सोसायटी लिमिटेड के शेयरों के बदले जुटाने का प्रस्ताव है। कॉन्ट्रीब्यूशन करने वाले समूह के हर कर्मचारी को इस सोसायटी के शेयर दिए जाएंगे।
सबसे हैरान करने वाली बात ये है कि सहारा ने अपने कर्मचारियों को दो दिन पूर्व उन्हें एक नोटिस सौंपा गया है कि जिसमें साफ तौर पर लिखा है कि अनिश्चित काल के लिये सैलरी रोकी जा रही है। उल्लेखनीय है कि सहारा समूह के मुखिया सुब्रत रॉय 4 मार्च से तिहाड़ जेल में हैं। सुप्रीम कोर्ट ने इसी महीने यह प्रस्ताव किया है कि रॉय को अंतरिम जमानत मिल सकती है, लेकिन इसके लिए समूह को 10 हजार करोड़ रुपये जमा कराने होंगे। इसमें से 5 हजार करोड़ रुपये की बैंक गारंटी होगी।
कर्मचारियों का बिगड़ा बजट
सहारा समूह ने ऐसे वक्त में अपने कर्मचारियों को पैसा जमा करने का आदेश जारी किया है जिस समय में स्कूल का फीस जमा करना होता है। सहारा के एक कर्मचारी ने बताया कि उसने अपने परिवार के साथ गर्मी की छुट्टी बीताने के लिये किसी पहाड़ी इलाके में जाने का प्लान कर रहे थे। मगर अचानक सैलरी रोके जाने और पैसा दान करने के से उनका बजट बिगड़ गया है।
वहीं सहारा समूह इस मामले में एक अलग ही राग अलाप रही है। इस बारे में संपर्क करने पर सहारा के एक वरिष्ठ अधिकारी ने स्पष्ट किया कि पत्र सुब्रत रॉय या प्रबंधन की ओर से जारी नहीं हुआ है। यह मौजूदा परिस्थितियों के मद्देनजर लोगों की भावनात्मक पहल है।