बिना इजाजत निकलने पर पिटती हैं 54% भारतीय महिलाएं
छोटी-छोटी
बातों
पर
होती
पिटाई
इस
संस्था
ने
साल
2011
से
2012
के
बीच
30,000
शादीशुदा
महिलाओं
का
इंटरव्यू
किया।
इन
महिलाओं
की
उम्र
16
वर्ष
से
49
वर्ष
थी।
संस्था
की
ओर
से
देश
के
1,500
गांवों
तो
971
शहरी
इलाकों
में
र
हने
वाली
महिलाओं
से
रिसर्चर्स
ने
बात
की
थी।
इन
30,000
महिलाओं
ने
रिसर्च
के
दौरान
घरेलू
हिंसा
के
साथ
ही
उन
मुद्दों
का
भी
जिक्र
किया
जिसकी
वजह
से
अक्सर
उन्हें
पीटा
जाता
है।
इस
रिसर्च
में
कुछ
चौंकाने
वाले
तथ्य
भी
सामने
आए
हैं।
-54
प्रतिशत
महिलाओं
ने
कहा
कि
उन्हें
सिर्फ
इस
बात
की
वजह
से
अक्सर
पीटा
जाता
है
क्योंकि
वह
घर
से
बाहर
निकलने
के
लिए
मंजूरी
नहीं
लेती
हैं।
-35
प्रतिशत
महिलाओं
की
मानें
तो
खाना
ठीक
से
नहीं
पकाने
पर
उनके
साथ
अक्सर
मारपीट
की
जाती
है।
-36
प्रतिशत
महिलाओं
के
मुताबिक
दहेज
में
सही
रकम
न
मिलने
पर
उनकी
पिटाई
होती
है।
-46
प्रतिशत
महिलाओं
के
मुताबिक
जब
वह
घर
के
कामों
को
नजरअंदाज
करती
हैं
तो
उनकी
पिटाई
होती
है।
बदतर
हालात
संस्था
की
सीनियर
फेलो
सोनालदे
देसाई
जिनकी
अगुवाई
में
यह
रिसर्च
पूरी
हुई
है
कहती
हैं
कि
महिलाओं
के
सशक्तीकरण
के
लिए
कुछ
कदम
उठाए
गए
हैं
लेकिन
यह
रिसर्च
बताती
है
कि
हालात
कितने
बदतर
हैं।
-60
प्रतिशत
महिलाएं
आज
भी
पर्दे
में
रहने
को
मजबूर
हैं।
-81
प्रतिशत
महिलाओं
को
हेल्थ
सेंटर
जाने
के
लिए
भी
मंजूरी
की
जरूरत
होती
है।
-59
प्रतिशत
महिलओं
को
आज
भी
अपना
जीवनसाथी
चुनने
की
आजादी
नहीं
है।
18
साल
से
पहले
ही
शादी
देश
में
शादी
की
वैधानिक
उम्र
18
वर्ष
है
लेकिन
आज
भी
यहां
पर
इससे
कम
उम्र
में
भी
लड़कियों
की
शादी
हो
जाती
है।
बिहार
और
राजस्थान
देश
के
दो
ऐसे
राज्य
हैं
जहां
पर
सबसे
ज्यादा
इस
कानून
को
तोड़ा
जाता
है।
-48
प्रतिशत
महिलाओं
ने
कहा
कि
उनकी
शादी
18
वर्ष
की
उम्र
से
पहले
ही
कर
दी
गई।
-73
प्रतिशत
महिलाएं
जो
बिहार
में
रहती
हैं,
उनकी
शादी
18
साल
की
उम्र
से
पहले
ही
हो
गई।
-राजस्थान
में
70
प्रतिशत
महिलाओं
की
शादी
18
वर्ष
से
पहले
कर
दी
गई।
-पंजाब
और
केरल
देश
के
दो
ऐसे
अमीर
राज्य
हैं
जहां
पर
बाल
विवाह
की
दर
सबसे
कम
है
और
यह
क्रमश:
13
प्रतिशत
और
14
प्रतिशत
दर्ज
की
गई।
आज
भी
दहेज
जारी
भले
ही
दहेज
प्रथा
को
देश
में
1961
में
गैर-कानूनी
कर
दिया
गया
हो
लेकिन
आज
भी
यह
परंपरा
बदस्तूर
जारी
है।
-आज
भी
देश
में
30,000
रुपए
या
491
डॉलर
से
कहीं
ज्यादा
नगद
बतौर
दहेज
दिया
जाता
है।
-40
प्रतिशत
महिलाओं
ने
कहा
कि
उनके
परिवार
की
ओर
से
टीवी
से
लेकर
कार
तक
दहेज
में
देने
के
लिए
खरीदी
गई।
-भारत
में
आज
भी
दहेज
के
आंकड़ों
को
दर्ज
करने
की
कोई
परंपरा
नहीं
है।