शर्मनाक- बंगले के लिए चरण सिंह के नाम पर राजनीति
नई दिल्ली (विवेक शुक्ला)। अजित सिंह को 12 तुगलक रोड के बंगले में रहने का मौका मिलता रहे, इसलिए पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय चौधरी चरण सिंह को याद करना समझ से परे है। हरियाणा के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा ने 12, तुगलक रोड को उनका स्मृति भवन बनाने के लिए केंद्रीय संसदीय कार्यमंत्री वेंकैया नायडू को लिखा है। हरिय़ाणा की सियासत को करीब से देख रहे वरिष्ठ पत्रकार धर्मेन्द्र पाल सिंह कहते हैं कि अजित सिंह ने चरण सिंह से कुछ नहीं सीखा। सिर्फ उनके नाम पर लंबे समय तक मौज की।
क्यों सुध आई चरण सिंह की
पर सवालयह है कि आजाद भारत में किसानों के सबसे बड़े नेता रहे चरण सिंह की स्मृति की सुध अचानक अब क्यों आयी है? यह सवाल दोनों के संदर्भ में उठता है : चौधरी चरण सिंह के पुत्र अजित सिंह और हरियाणा के कांग्रेसी मुख्यमंत्री हुड्डा। अजित सिंह को भी अपने पिता के राजनीतिक योगदान और स्मृतियों की सुध तभी आयी, जब उन्हें बंगला खाली करने को कहा गया।
जानकार पूछ रहे हैं कि अजित ने अपने पिता की राजनीतिक सोच और विरासत को आगे बढ़ाने के लिए क्या किया? हालांकि यह मांग केंद्र सरकार द्वारा अजित सिंह से जबरदस्ती बंगला खाली करवाये जाने पर उठायी गयी है, लेकिन फिर भी इसे जाट दबदबे वाले हरियाणा में विधानसभा चुनावों से जोड़कर देखा ही जायेगा, क्योंकि राजनीति में कुछ भी अनायास नहीं होता।
हरियाणा के विधानसभा चुनावों में सत्ता के दावेदार कांग्रेस, इंडियन नेशनल लोकदल और भाजपा, जाट मतों की चाहत रखते हैं। ऐसे में कांग्रेस के लिए यह बेहद अनुकूल अवसर है कि वह यह मुद्दा उठाए। यह प्रयास कितना कारगर होगा, यह तो समय ही बतायेगा, लेकिन दलगत और चुनावी राजनीति से परे अगर चरण सिंह के व्यक्तित्व और कृतित्व की बात करें तो उनकी राजनीतिक-सामाजिक सोच का भी प्रचार-प्रसार किया जाना चाहिए।