संसद में गैर-गांधी के हाथों में कमान, बदलेगा कांग्रेस का स्वरुप!
चिंता इतनी ही नहीं है। राहुल के करियर पर भी खतरा मंडरा रहा है। लोकसभा चुनाव में राहुल कांग्रेस को दहाई का आंकड़ा भी पार नहीं करवा पाए। ऐसे में कांग्रेस राहुल के हाथों में कमान सौंपने से बचना चाहते है। खुले तौर पर कोई भी ये बात नहीं कहना चाहता, लेकिन दबी जुबान में कांग्रेस नेता राहुल के हाथों में कमान थमाने से इंकार कर रहे हैं। अब सबसे बडा सवाल यह है कि कांग्रेस के पास विकल्प क्या हैं। क्या राहुल के नेतृत्व पर सवाल उठाने वाले कांग्रेस के लिए प्रियंका गांधी ही सब मर्ज़ों की दवा हैं या फिर कांग्रेस को भी बीजेपी की तरह किसी ज़मीनी नेता की जरुरत है।
संकट यह है कि कांग्रेस के पास कोई मुस्लिम चेहरा नहीं है, जो सबको स्वीकार हो। हमेशा से कांग्रेस पर गांधी परिवार का एकक्षत्र राज रहा है। कांग्रेस के पास कोई भी दलित, ब्राह्मण और पिछड़ी जाति का कोई नेता नहीं है जो सबको मान्य हो। क्या कांग्रेस ऐसे हालात में राहुल गांधी से आगे देखने की कोशिश करेगी या किसी दैवीय चमत्कार की इंतज़ार में रहेगी। कांग्रेस ने लोकसभा और राज्यसभा में गैर-गांधी को कमान देकर एक अच्छी शुरुआत की है, और इसे कितना आगे तक लागू किया जाएगा, इसी पर कांग्रेस का भविष्य निर्भर करेगा।