स्मृति के कारण राहुल ने बदला अपना स्टाइल
तभी तो स्मृति ईरानी के दौरे के ठीक 6 दिन बाद राहुल भी अमेठी पहुंच गए और लोगों से मिलकर उनका धन्यवाद किया। 19 जुलाई को केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री स्मृति ईरानी अमेठी में थीं और ठीक 6 दिन बाद 25 जुलाई को कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी अमेठी पहुंचे। स्मृति की सक्रियता से राहुल को लेकर अमेठी में कांग्रेस खुद सहज नहीं पा रही है। वहीं स्मृति ईरानी हार के बाद भी अमेठी को अजेंडे में रख रही हैं। अपने दौके में स्मृति ने कहा कि भले ही मुझे हार मिली है, लेकिन अमेठी की समस्याओं से मुंह नहीं मोडऩे वाली हूं। उन्होंने कहा था कि मेरा हारना दुर्भाग्यपूर्ण है, लेकिन अमेठी मेरी प्राथमिकता में है।
स्मृति की अमेठी में मौजूदगी राहुल और कांग्रेस के अस्तित्व के लिए खतरा बन गई है। ऐसे में अपनी मौजूदगी दर्ज कराने राहुल भी वहां पहुंच गए। राहुल के इस बार का अमेठी दौरा पहले के दौरों से बिल्कुल अलग है। पहले राहुल अमेठी बड़ी बेफिक्री के साथ जाते थे, लेकिन इस बार का दौरा रणनीतिक था। राहुल ने इस बार उन जगहों को चुना जहां से उन्हें बंपर वोट मिले थे।
जब राहुल पहले अमेठी आते थे तो कहीं भी चले जाते थे, लेकिन इस बार उन्होंने फैसला किया कि जहां से उन्हें ज्यादा वोट मिले हैं वहां जाकर वह शुक्रिया बोलेंगे। 16वीं लोकसभा चुनाव में बुरी हार के बार राहुल ने अपनों दौरों की स्टाइल बदल दी है। राहुल का इस अंदाज के साथ अमेठी आना संदेश देता है कि जो उन्हें वोट देगा वह उनकी प्राथमिकता में होगा।