पप्पु और मुन्ना सुनकर थक गये लेकिन सच तो ये है कि राहुल गांधी में राजनीति के गट्स नहीं
गुफरान आजम ने कहा कि राहुल को दस साल का मौका दिया गया अगर वो नहीं कर पा रहे कुछ तो उन्हें छोड़कर आगे बढ़ना चाहिए। अपने घर पर मीडिया से बातचीत करते हुए गुफरान ने कहा कि इस संबंध में मैंने 11 जुलाई को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को एक पत्र लिखा है और इसमें मैंने उनसे (सोनिया) आग्रह किया है कि वह अपने बेटे राहुल गांधी के प्रति अपने मोह को छोड़ दें, क्योंकि 10 साल राजनीति में बिताने के बाद भी वह (राहुल) यह नहीं सीख पाए कि भाषण कैसे देते हैं और न ही अपनी राजनीतिक सोच विकसित कर सके हैं।
आपको बता दें कि ये कोई पहला मौका नहीं है जब कांग्रेस के नेता ने राहुल गांधी की आलोचना की हो। इससे पहले केरल के पूर्व मंत्री टी एच मुस्तफा ने राहुल गांधी को जोकर बताया था। इसके बाद मुस्तफा को निलंबित कर दिया था। हालांकि एच मुस्तफा ने का कहना था कि उन्होंने कोई गलती नहीं की है। मुस्तफा ने कहा था, ‘उन्हें पार्टी से इस्तीफा दे देना चाहिए। उन्हें पद पर नहीं बने रहना चाहिए। अगर वह स्वेच्छा से इस्तीफा नहीं देते तो उन्हें हटा दिया जाना चाहिए।
उन्होंने (चुनाव प्रचार के दौरान) जोकर की तरह काम किया। 'इसके अलावा राजस्थान के सरदार शहर से कांग्रेस के विधायक भंवर लाल शर्मा ने कहा था कि पार्टी पर नेता थोपा नहीं जाना चाहिए बल्कि लोकतांत्रिक तरीके से नेता का चुनाव होना चाहिए। गौरतलब है कि इससे पहले कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने कहा था कि राहुल गांधी में शासक का मिजाज नहीं है।