122 सीटों पर फुटबॉलर से लेकर शूटर, एक्टर से लेकर पॉलिटिशियन
नई दिल्ली। 17 अप्रैल यानी गुरुवार को देश में लोकसभा चुनाव के पांचवें और सबसे बड़े चरण का आगाज होगा और इस दौर कई बड़े दिग्गजों की किस्मत का फैसला ईवीएम में कैद हो जाएगा। 17 अप्रैल को होने वाले मतदान के दौरान देश के 12 राज्यों की 122 सीटों पर वोट डाले जाएंगे।
पांचवें दौर में शत्रुघ्न सिन्हा से लेकर बीजेपी के वरिष्ठ नेता यशवंत सिन्हा के बेटे जयंत सिन्हा, गोपीनाथ मुंडे, बीजेपी के बागी नेता जसवंत सिंह, कांग्रेस के नेता अजित जोगी, ज्योतिरादित्य सिंधिया, गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे, बाइचुंग भूटिया और राज्यवर्द्धन सिंह राठौर जैसे नामों पर जनता अपना फैसला देगा।
पांचवें चरण के लिए चुनाव प्रचार मंगलवार को थम गया। इस दौर में उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, जम्मू कश्मीर, झारखंड, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, मणिपुर और ओड़िशा में वोट डाले जाएंगे।
यह पांचवा दौर कई पार्टियों के लिए अहम है और कहीं न कहीं यह दौर पार्टियों की किस्मत भी तय करेगा। 17 अप्रैल के बाद अगले दो हफ्ते यानी 24 अप्रैल और 30 अप्रैल भी काफी अहम तारीखें हैं। ऐसे में हर राजनीतिक पार्टी ने वोटरों के बीच अपनी पकड़ को मजबूत करने के लिए चुनाव प्रचार के लिए पूरा जोर लगा रखा है।
कहां पर कितनी सीटें
उत्तर प्रदेश- 11 सीटें
मध्य प्रदेश- 10 सीटें
छत्तीसगढ़- 3 सीटें
बिहार- 7 सीटें
झारखंड- 6 सीटें
राजस्थान- 20 सीटें
महाराष्ट्र- 19 सीटें
कर्नाटक- 28 सीटें
ओड़िशा- 11 सीटें
वेस्ट बंगाल- 4 सीटें
जम्मू- 1 सीट
मणिपुर- 1
फुटबॉल के मैदान से चुनाव के मैदान
दार्जिलिंग से तृणमूल कांग्रेस ने भारत के स्टार फुटबॉलर बाइचुंग भूटिया को टिकट दिया है। बाइचुंग दार्जिलिंग का लोकप्रिय चेहरा हैं और उनके सामने बीजेपी के एसएस आहलूवालिया चुनौती पेश करेंगे।
चुनाव के जरिए संसद पर निशाना
ओलपिंक में देश को 40 वर्षों के बाद शूटिंग का व्यक्तिगत पदक दिलाने वाले राज्यवर्द्धन सिंह राठौर राजस्थान की जयपुर ग्रामीण सीट से बीजेपी के उम्मीदवार है। राठौर ने नरेंद्र मोदी से प्रेरित होकर राजनीति में कदम रखा है। हालांकि उन्हें कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और केन्द्रिय मंत्री सीपी जोशी से कड़ी टक्कर मिल सकती है।
कर्नाटक की 28 सीटें
कर्नाटक की 28 सीटों के लिए भी 17 अप्रैल को मतदान होगा। 17 अप्रैल को जब यहां पर वोट डाले जाएंगे तो अनंत कुमार पर अपना पिछला रिकॉर्ड बचाने का दबाव होगा।
अनंत के प्रतिद्वंदी
दक्षिण बैंगलोर से अनंत कुमार के प्रतिद्वंदी और इंफोसिस के पूर्व टेकी नंदन नीलेकणी भी अपना पहला लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं। विशेषज्ञों की मानें तो नंदन अनंत के सामने कड़ी चुनौती पेश कर सकते हैं।
पटना साहिब से अहम उम्मीदवार
बिहार की जिन 7 सीटों के लिए मतदान 17 अप्रैल को होगा उसमें पटना साहिब की सीट काफी अहम है। इस सीट पर सांसद और बॉलीवुड के मशहूर अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा की किस्मत दांव पर है। वर्ष 2009 में उन्होंने कांग्रेस के उम्मीदवार और टेलीविजन के मशहूर अभिनेता शेखर सुमन को तीन लाख से ज्यादा वोटों से हराया था।
विरासत की राजनीति
लालू यादव की बेटी मीसा भारती पाटलीपुत्र सीट से अहम उम्मीदवार हैं। मीसा के सामने वही रामकृपाल यादव चुनौती पेश करेंगे जिन्हें कभी राष्ट्रीय जनता दल के प्रमुख लालू प्रसाद यादव का 'हनुमान' करार दिया जाता था। पार्टी से नाराज होकर रामकृपाल बीजेपी में शामिल हो गए थे। रामकृपाल यादव को बीजेपी की ओर से टिकट दिया गया है।
कर्नाटक में बीजेपी की साख का सवाल
बीजेपी छोड़कर कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदुरप्पा को पार्टी ने शिमोगा सेटिकट इसलिए दिया है ताकि येदुरप्पा कर्नाटक के वोट पार्टी को दिला सकें। वर्ष 2009 के लोकसभा चुनावों में बीजेपी को यहां की 28 में से 19 सीटें हासिल हुई थीं। वर्ष 2013 के विधानसभा चुनावों में बीजेपी को मिली करारी हार और एग्जिट पोल्स के नतीजे कर्नाटक में बीजेपी के पक्ष में नहीं हैं।
छत्तीसगढ़ की तीन सीट पर मतदान
छत्तीसगढ़ की पिछड़ी जनजाति मारवाही संसदीय क्षेत्र से राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री अजित जोगी की किस्मत दांव पर लगी है।
आर्दश घोटाले के आरोपी
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और आदर्श घोटाले के आरोपी अशोक चव्हाण महाराष्ट्र के नांदेड़ से कांग्रेस के उम्मीदवार हैं। चव्हाण को जब कांग्रेस ने टिकट दिया था तो खूब हंगामा हुआ था क्योंकि कांग्रेस ने देश की जनता से यह वादा किया था कि वह इस बार किसी भी दागी नेता को लोकसभा चुनाव का टिकट नहीं देगी।
पिता की विरासत संभालती बेटी
एनसीपी के प्रमुख और केन्द्रिय मंत्री शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले महाराष्ट्र के बारामती से सांसद हैं और एक बार फिर से वही इसी क्षेत्र से अपनी किस्मत आजमाने जा रही हैं। सुप्रिया ने वर्ष 2009 का लोकसभा चुनाव एक लाख से ज्यादा वोटों से जीता था। इस बार भी लोग उनकी जीत बारामती से पक्की करार दे रहे हैं।
महाराष्ट्र में बीजेपी की उम्मीद
बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पार्टी के लोकप्रिय नेता रहे प्रमोद महाजन के रिश्तेदार गोपीनाथ मुंडे इस बार उम्मीद कर रहे हैं कि वह अपने संसदीय क्षेत्र बीड में जीत हासिल कर, केंद्र में बीजेपी की स रकार बनाने की उम्मीदों को और मजबूत दे सकें।
क्या फिर बनेंगे गृहमंत्री
वर्तमान गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे महाराष्ट्र की शोलापुर संसदीय सीट से कांग्रेस के बड़े उम्मीदवार हैं। अपने कार्यकाल के दौरान कई तरह के विवादों में घिरे शिंदे को क्या इस बार जीत हासिल होगी और क्या वह फिर से देश के गृहमंत्री बन सकेंगे यह तो 17 अप्रैल और 16 मई पर ही निर्भर करेगा।
रांची से कांग्रेस के उम्मीदवार
पूर्व केन्द्रिय मंत्री और घोटाले के आरोपों में घिरे कांग्रेस के नेता सुबोध कांत सहाय झारखंड की राजधानी रांची से कांग्रेस के उम्मीदवार हैं। हालांकि इस बार राजनीतिक विशेषज्ञों को उनकी जीत थोड़ी मुश्किल मान रहे हैं।
गुना से जीत पक्की
केन्द्रिय मंत्री और पूर्व कांग्रेस नेता माधवराव सिंधिया के बेटे ज्योतिरादित्य सिंधिया ग्वॉलियर की गुना संसदीय सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार हैं। गुना ऐसा संसदीय क्षेत्र है जहां से अभी तक सिंधिया घराने को हार नहीं मिली है। इस बार भी ज्योतिरादित्य की जीत को लोग पक्का मान रहे हैं।
अजमेर से प्रतिष्ठा दांव पर
वर्ष 2009 का लोकसभा चुनाव जीतने के साथ ही अब सचिन पायलट फिर से अजमेर सीट से अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। सचिन को उम्मीद है कि इस बार भी अजमेर की जनता उन्हें वोट देकर संसद पहुंचाएगी।
पेट्रोलियम मंत्री को जीत की उम्मीद
केन्द्रिय पेट्रोलियम मंत्री वीरप्पा मोइली कर्नाटक की चिकबल्लापुर से उम्मीदवार हैं। मोइली के साथ ही कांग्रेस को उम्मीद है कि वह यहां पर आसान जीत हासिल कर सकेंगे।
बाड़मेर में जसवंत सिंह
बाड़मेर से बीजेपी के बागी नेता जसवंत सिंह जो कि निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं, उनकी किस्मत दांव पर लगी है। यहां से बीजेपी ने कांग्रेस के नेता और वर्ष 2013 का विधानसभा चुनाव हारने वाले कर्नल सोनाराम चौधरी को टिकट दिया है।
राजनीतिक पारी के आगाज की उम्मीद
पूर्व वित्त मंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता यशवंत सिन्हा के बेटे जयंत सिन्हा हजारीबार क्षेत्र से बीजेपी के टिकट पर अपना पहला लोकसभा चुनाव लड़ेंगे। जयंत को उम्मीद है कि जनता उन्हें ज्यादा से ज्यादा वोट्स देकर सफलता दिलाएगी।