'वाड्रा का पूरी ताकत से बचाव कर रहा पीएमओ'
उन्होंने बताया कि पीएमओ से कुछ सामान्य किस्म की सूचनाएं मांगी थीं, लेकिन कर्यालय कोई भी सूचना नहीं देने के साथ ही इसे गैरकानूनी, कानून का दुरुपयोग और आरटीआई एक्ट का गलत इस्तेमाल बता रहा है।
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उन्होंने कहा कि पीएमओ के मना करने पर उन्होंने केन्द्रीय सूचना आयोग से शिकायत की है जिसपर सूचना आयोग ने पीएमओ से लिखित उत्तर मांगा। इस पर कार्यालय के उपसचिव एस ई रिजवी ने 03 अप्रैल 2014 को भेजे 15 पन्नों के अपने उत्तर के साथ 48 पन्नों में कुल 18 संलग्नक भेजते हुए एक बार फिर सूचना देने से मना कर दिया है।
पीएमओ ने सूचना नहीं देने के लिए अरविंद केजरीवाल बनाम सीपीआईओ मामले में दिल्ली हाईकोर्ट के निर्णय का सहारा लेने के अलावा इसे व्यक्तिगत और आपसी नातेदारी में दी गई सूचना बताते हुए आरटीआई एक्ट तथा भारतीय साक्ष्य अधिनियम की विभिन्न धाराओं का भी उल्लेख किया है और यह सूचना मांगने के लिए नूतन के खिलाफ खासी नाराजगी जाहिर की है।
फिलहाल मामला अभी विरोधी दलों तक नहीं पहुंचा है। यदि शिकायत की आंच विपक्षी दलों तक पहुंचती है तो कांग्रेस के खिलाफ बैठे-बिठाए एक मुद्दा मिल सकता है। रॉबर्ट के बारे में हुए इस खुलासे पर अभी कांग्रेस के आला नेताओं की कोई भी प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।