अब 'तलाक, तलाक, तलाक' कहने से नहीं होगा तलाक और ना ही कोई होगा नाजायज़ औलाद
नयी दिल्ली (ब्यूरो)। महिला और बाल विकास मंत्रालय हिंदू मैरिज एक्ट में बदलाव लाने पर विचार कर रहा है। सुधार के बाद हिंदू मैरिज एक्ट के तहत नाजायज़ संतान की धारणा खत्म की जा सकती है। यूपीए सरकार के समय गठित कमेटी ने परिवार में स्त्री को मजबूत बनाने के स्तर पर कई सुझाव दिये हैं। इस कमेटी ने मंत्रालय की बैठक में सुझाव दिया है कि कानून में अनाचार के दायरे को फिर से परिभाषित किया जाए ताकि पत्नी से प्रॉपर्टी की तरह बर्ताव न किया जा सके। कमेटी में क्रूरता पर नए सिरे से विचार करने पर सुझाव दिया गया।
उल्लेखनीय है कि पंजाब यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर रह चुकीं पाम राजपूत की अध्यक्षता में बनी कमेटी को यूपीए सरकार ने गठित किया था। इसने हाल ही में एनडीए सरकार की महिला-बाल विकास मंत्री मेनका गांधी को रिपोर्ट सौंपी है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि 'लिव-इन रिलेशनशिप' के मामले भी विवाह और उत्तराधिकार कानूनों से बंधे हुए होने चाहिए। कमेटी ने कहा है कि सभी प्रासंगिक कानूनों में संशोधन करके मां को बच्चे का 'प्राकृतिक अभिभावक' घोषित किया जाना चाहिए।