हरियाणा में भाजपा आगे, इनेलो-कांग्रेस को नुकसान
अब हरियाणा विधान सभा के चुनाव की घोषणा कभी भी हो सकती है और इसके साथ शुरू हो गए हैं ओपिनियन पोल वहां के सूरते हाल का खुलासा करते हुए।
टोटल न्यूज के ओपिनियन पोल का अनुमान है कि हरियाणा में जुलाई के अंत में यदि विधानसभा चुनाव होते तो भाजपा को 29 से 33 सीटें, कांग्रेस को 27 से 31 सीटें और इनेलो को 20 से 26 सीटें मिलती। हजकां को 1 से 4 सीटों का उसका अनुमान है। ये सूरत-ए-हाल जुलाई अंत में कराए गए सर्वेक्षण का है।
कांग्रेस और इनेलो में टूट
इस बीच बड़े पैमाने पर कांग्रेस और इनेलो में टूट-फूट हुई है। बहुत से लोग भाजपा में शामिल हुए हैं। कांग्रेस के कद्दावर नेता चौधरी बीरेन्द्र सिंह सहित पचास से अधिक पूर्व मंत्री, पूर्व विधायक, पूर्व सांसद और पदाधिकारी के अलावा इनेलो के भी पूर्व विधायक व पूर्व मंत्री भाजपा की तरफ लपके हैं। वरिष्ठ पत्रकार ओमकार चौधरी कहते हैं, मेरा निजी तौर पर ये मत है कि भाजपा का राज्य में अच्छा खासा विस्तार हुआ है। 2009 में फकत 4 सीटें जीतने वाली भाजपा को यदि जुलाई में हुए सर्वे में तीस से अधिक सीटों का अनुमान लगाया गया है तो उसके लिए यह बड़ी उपलब्धि कही जाएगी।
जाट वोट मिलेंगे भाजपा को
भाजपा को जाट वोट मिले तो वह अपने दम पर सरकार बनाने लायक सीटें जीतने में सफल हो सकती है। नब्बे सदस्यीय हरियाणा विधानसभा की पैंतालीस से अधिक सीटों के नतीजे जाट ही तय करते हैं।
लोकसभा चुनाव में भाजपा को बड़ी कामयाबी मिली थी। उसने दस में से सात सीटें जीती थी। उसे नब्बे में से बावन विस क्षेत्रों में बढ़त हासिल हुई थी। हालांकि उसका हजका से गठबंधन टूट गया है...इसके बावजूद उसके प्रदर्शन पर कोई फर्क पड़ेगा, लगता नहीं। इसकी वजह यह है कि कुलदीप विश्नोई के चलते जाटों का एक बड़ा वर्ग भाजपा से नाराज था, जो बदले हुए हालातों में भाजपा को सपोर्ट कर सकता है।
दूसरे, ये भी नहीं भूलना चाहिए कि चौधरी बीरेन्द्र सिंह के भाजपा में आने से बांगर के इलाके में भाजपा को जाटों के वोट मिलने की संभावना काफी बढ़ गई है। इससे वहां इनेलो को बड़ा नुकसान हो सकता है।