माया कोडनानी की बेल पर रोक से हाईकोर्ट का इंकार
मामले में 15 जुलाई को न्यायमूर्ति अनंत एस दवे ने जमानत अर्जी पर सुनवाई से बिना कारण बताए इंकार कर दिया था। जमानत अर्जी को सुनवाई के लिए न्यायमूर्ति वी एम सहाय और न्यायमूर्ति आर पी धोलारिया की खंडपीठ के समक्ष रखा गया।
पढ़ें- तेज़ाब से हमला
गुजरात में हुए दंगों के दौरान यहां नरोडा पाटिया में हुई सांप्रदायिक हिंसा में सजा के चलते जेल में बंद कोडनानी ने गिरते स्वास्थ्य और अपील पर सुनवाई में देरी को आधार बना कर यह जमानत अर्जी दाखिल की जिस पर सुनवाई के बाद यह फैसला आया।
कोडनानी ने अपनी जमानत अर्जी में कहा था कि इसलिए उन्हें उनके गिरते स्वास्थ्य के मद्देनजर नियमित जमानत दी जाए। नरोडा की तत्कालीन विधायक कोडनानी को 2007 में मोदी मंत्रिमंडल में जगह मिली थी पर उक्त मामले में गिरफ्तारी के चलते उन्हें मार्च 2009 में त्यागपत्र देना पड़ा था। अब उन्हें उनके दिए कारणों को वाजिब मानते हुए जमानत दी गई है।