निजी कंपनियों पर ऐसे शिकंजा कसेंगे नरेंद्र मोदी
नई दिल्ली (विवेक शुक्ला)। अपने हालिया जापान दौरे में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी देश के प्रमुख कारपोरेट हस्तियों को अपने साथ लेकर गए थे, तो कुछ लोगों ने कहा कि वे कारपोरेट दुनिया के हित साधने में लगे हैं। पर, लगता है कि मोदी सरकार उन उन कंपनियों पर कठोर एक्शन लेगी जो सीएसआर पर खर्च करने में कातोही बरतेंगे। सीएसआर यानीसमाज के लिए खर्च किए जाने वाला धन।
बोर्ड पर जिम्मेदारी
ताजा स्थिति यह है कि कंपनी के बोर्ड पर यह जिम्मेदारी सौंपी गई है कि वे सीएसआर के खर्च को देखे। अब अगर कोई कंपनी दो या इससे ज्यादा साल तक ऐसा करने में नाकाम रहती हैं, तो उस पर पेनल्टी लगेगी। कायदे से कंपनियों के लिए अपने लाभ का 2 फीसदी सीएसआर पर खर्च करना जरूरी है।
जानकारी के अनुसार, सरकार नियमों को न मामने वाली कंपनियों पर शिकंजा कसने के लिए कंपनीज ऐक्ट में बदलाव करने करने की तैयारी में है। यानी जो कंपनियां सीएसआर खर्च का टारगेट पूरा नहीं करेंगी उन पर एक्शन होगा।
मौजूदा नियमों के मुताबिक, जो कंपनियों सीएसआर के लिए तय राशि खर्च नहीं कर पाती हैं, वे कुछ सफाई देकर बच सकती हैं। इस बीच, सीआईआई के प्रवक्ता तरेश अऱोड़ा ने कहा कि अब कोई भी नामवर कंपनी सीएसआर पर खर्च करने से पीछे नहीं हटतीं। उन्होंने कहा कि हाल ही में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आहवान पर तमाम कंपनियों ने टायलेट के निर्माण के लिए मोटी राशि देने की घोषणा की।