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सियाचिन में इन बीमारियों से बचकर रहिएगा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी!

By Richa
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[ऋचा बाजपेयी] प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पिछले नौ वर्षों में देश के ऐसे प्रधानमंत्री होंगे जो करीब 23,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित सियाचिन का दौरा करेंगे। प्रधानमंत्री चाहते हैं कि वह यहां पर तैनात उन तमाम भारतीय जवानों का हौसला बढ़ाएं जो मुश्किल हालातों में देश की रक्षा में दिन-रात तैनात रहते हैं।

दुनिया के सबसे ऊंचे इस युद्ध क्षेत्र में जो जवान तैनात हैं, शायद वह यहां पर मौजूद परेशानियों को खुद ही बयां कर सकते हैं।

सावधान रहें मिस्‍टर प्राइम मिनिस्‍टर

उन्‍हें यहां के हर पल बदलते मौसम से मिलने वाली चुनौतियों का सामना करने को तो तैयार रहना ही पड़ता है साथ ही इतनी ऊंचाई पर कई तरह की खतरनाक बीमारियों से भी वह आए दिन जूझते रहते हैं।

एक नजर डालिए कि इस ऊंचाई पर उन्‍हें किस तरह की बीमारियों से जूझना पड़ता है और जब नरेंद्र मोदी यहां का दौरा करने का तैयार हैं ही तो उन्‍हें कितना सावधान रहना होगा। इन बीमारियों का जिक्र भारतीय सेना में तैनात एक भारतीय जवान के साथ बातचीत के आधार पर यहां पर किया जा रहा है।

पलमोनैरी ओडेमा

  • पलमोनैरी ओडेमा को हिपोक्सिया या फिर हिपो नाम से भी जानते हैं। इस बीमारी में एक तरल पदार्थ फेफड़ों के बीच जमा हो जाता है। अगर समय पर इलाज नहीं मिला तो हो सकता है कि सांस आना ही बंद हो जाए।
  • इस बीमारी की वजह ऊंचाई पर दिल का ठीक से काम न कर पाना होता है। इस बीमारी की वजह से मरीज को एक अजीब सी बेचैनी भी होती है क्‍योंकि शरीर में गर्म और कई तरह की जहरीली प्रकार की गैस बनने लगती हैं।

सेरेब्रल ओडेमा

  • इस बीमारी को हैके यानी हाई ऑल्‍टीट्यूड सेरेब्रल एडेमा के नाम से भी जानते हैं। इसकी वजह से दिमाग में एक हद से ज्‍यादा पानी का जमाव होने लगता है। बीमारी की वजह ये ब्‍लड ब्रेन बैरियर यानी बीबीबी या फिर ब्‍लड सेरेब्रोस्‍पाइनल फ्लूयड बैरियर यानी सीएसफ पूरी तरह से खत्‍म हो सकते हैं।
  • बिना एकेलिमाइजेशन के ज्‍यादा ऊंचाई वाली जगह पर ट्रैवल करने की वजह से यह बीमारी होती है। इस बीमारी के लक्षणों में उल्‍टी आना, नजर कमजोर होना, बेहोशी, नॉजिया और कभी-कभी कोमा की स्थिति तक आ जाती है।

हाइपोथर्मिया

  • वह स्थिति जब शरीर का तापमान मेटाबॉलिज्‍म और बॉडी फंक्‍शन के लिए जरूरी तापमान से नीचे गिर जाए तब हाइपोथर्मिया की स्थिति आती है। इस स्थिति में तापमान साधारणतया 35 डिग्री यानी 95 डिग्री फॉरेनहाइट से भी कम हो जाता है।
  • माइल्‍ड हाइपोथर्मिया में शरीर में कंपकपी होती है और दिमागी संतुलन बिगड़ने लगता है। कभी कभी तो बीमारी से पीड़ित व्‍यक्ति पर खतरा इस हद तक बढ़ जाता है कि उसका दिल तक काम करना बंद कर देता है।

मॉडरेट हाइपोथर्मिया

  • मॉडरेट हाइपोथर्मिया में किसी व्‍यक्ति के होंठ, कान, उंगलियां पीली पड़ जाती हैं और एड़ी नीली होने लगती है। खूल का दबाव भी प्रभावित होता है और समय पर इलाज न होने से मौत तक हो जाती है।

सीवियर हाइपोथर्मिया

  • इसमें शरीर का तापमान 28 डिग्री तक गिर जाता है। इसकी वजह से कई तरह के मनौवैज्ञानिक बीमारियां होने लगती है और हार्ट रेट भी कम होने लगती है। सांस लेने की प्रक्रिया भी कम हो जाती है और ब्‍लड प्रेशर भी गिर जाता है।
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English summary
Narendra Modi ready to visit Siachen where soldiers have to fight with various diseases. They have to face diseases like pulmonary odema, cerebral odema, hypothermia, hypoxia and cold injuries.
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