बाबा पशुपतिधाम के दर्शन से साबित क्या करना चाहते हैं मोदी?
2500 किलो का चंदन चढ़ाकर मोदी ने शिवलिंग का रूद्राभिषेक किया
2500 किलो का चंदन चढ़ाकर मोदी ने शिवलिंग का रूद्राभिषेक किया है। तय समय सीमा के अनुसार मोदी आज सुबह 9 बजे मंदिर पहुंच गये थे। भगवा रंग का वस्त्र पहुंचे मोदी ने मंदिर पहुंच कर वहां खड़े सभी नेपालवासियों का हाथ मिलाकर अभिवादन किया।
सोमनाथ, विश्वनाथ और अब मोदी पहुंचे पशुपतिपातनाथ...
जहां सावन के अंतिम सोमवार को मोदी का यूं शिवधाम पहुंचना धार्मिक हिसाब से काफी मायने रखता है वहीं दूसरी ओर राजनीतिक पटल पर भी मोदी की यह पूजा काफी मायने रखती है। राजनीतिक समीक्षकों के मुताबिक मोदी इस पूजा से अपने आप को कूटनीतिज्ञ होने का संदेश दुनिया को देना चाहते हैं।
मोदी इस पूजा से अपने आप को कूटनीतिज्ञ होने का संदेश दुनिया को देना चाहते हैं
यहां आपको बताते चले कि मोदी ने अपना राजनीतिक जीवन गुजरात के सोमनाथ धाम की पूजा से किया था। उसके बाद वो बाबा विश्वनाथ काशी पहुंचे और जिस दिन उन्होंने वहां से अपना नामांकन भरा था उस दिन उन्होंने वहां पहले काशी विश्वनाथ की पूजा की थी जिसके बाद ही वो भोलेनाथ के आशिर्वाद के बाद भारी मतों से विजयी हुए औऱ देश के पीएम बनें।
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मोदी का यह संदेश इसलिए भी है क्योंकि वो दुनिया को दिखाना चाहते हैं कि भारत की जड़े आतंरिक रूप से काफी मजबूत हैं, देश के लिए धर्म, संस्कार और आपसी प्रेम काफी मायने रखते हैं।
PM
gifts
'Samvidhaan'
-
Making
of
the
Constitution
of
India
to
the
Chair
of
the
Constituent
Assembly
of
Nepal
pic.twitter.com/CIb9YFXuED
—
PIB
India
(@PIB_India)
August
3,
2014
मोदी अगर प्रेम का पैगाम अपने पड़ोसियों को देना चाहते हैं तो वहीं यह भी दिखाना चाहते हैं कि भारत अपनी शाख और विश्वास को लेकर काफी अटूट भी है और वो इन चीजों से कभी समझौता नहीं करेगा।