नरेंद्र मोदी जी, नवाज शरीफ को वो 26 मई भी याद दिला दीजियेगा
ऐसे में उनका यह दौरा अपने आप में काफी खास हो गया है। साथ ही हमेशा की तरह 26 तारीख भी इतिहास में दर्ज हो गई है। लेकिन हम यहां अपने नये प्रधानमंत्री से कहना चाहेंगे कि कल शरीफ से वार्ता के दौरान उन्हें वो 26 मई भी याद दिला दीजियेगा, जब कारगिल युद्ध की अधिकारिक पुष्टि की गई थी।
सच पूछिए तो 26 तारीख और भारत-पाकिस्तान के रिश्तों में बड़ा गहरा संबंध है। यह वो तारीख है, जिसने बार-बार भारत को दर्द दिया है और हर बार दर्द देने वाले शैतान के सिर पर पाकिस्तान का हाथ रहा है। तीन 26 तारीखों का जिक्र हम यहां करने जा रहे हैं।
26 मई 1999: कारगिल में ऑपरेशन सफेद सागर शुरू
भले ही भारत की ओर से पाक के प्रधानमंत्री को देश में बुलाया गया हो लेकिन नवाज शरीफ को 26 मई 1999 की तारीख को भी नहीं भूलना चाहिए जब भारत और पाक सीमा पर कारगिल की जंग लड़ रहे थे।
15 वर्ष पहले 26 मई 1999 को इंडियन एयरफोर्स की ओर से कारगिल युद्ध में भारतीय सेना की मदद के लिए ऑपरेशन सफेद सागर की शुरुआत की। इसके साथ ही दोनों देशों के बीच जारी जंग पूरी दुनिया के सामने आ गई। आज भी नवाज शरीफ कारगिल युद्ध पर बात करने से कतराते हैं।
26 जुलाई 2008 को अहमदाबाद में सीरियल ब्लास्ट्स
26 जुलाई 2008 यानी मुंबई हमले से चार माह पहले अहमदाबाद में 70 मिनट के अंदर 21 सीरियल धमाके हुए और धमाकों ने गुजरात की शांति को खत्म करके रख दिया। 56 लोगों की मौत और 200 से ज्यादा घायलों के आंकड़े दर्ज करने वाले इस हादसे में इंडियन मुजाहिद्दीन का हाथ था। यह देश का ऐसा आतंकवादी संगठन है जिसमें शामिल आतंकियों को पाक की ओर से समर्थन हासिल होता रहा है।
अहमदाबाद में हुए इन सात सीरियल ब्लास्ट्स से पहले बेंगलूर में लो इंटेंसिटी के धमाके हुए थे और अहमदाबाद ब्लास्ट्स के बाद झारखंड में धमाके हुए थे।
26 नवंबर 2008 को मुंबई पर हमला
एक और 26 तारीख है जिसका दर्द आज भी भारत अपने दिल में दबाए हुए है और जिसके बारे में नवाज शरीफ ने अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा को भी 2013 में हुई मुलाकात के दौरान कोई जवाब ही नहीं दिया।
यह तारीख है 26 नवंबर 2008 की जब मुंबई में हमला हुआ और जिसमें 150 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी। पाकिस्तान में आज भी हाफिज सईद जैसे इसके साजिशकर्ता आजाद घूम रहे हैं।
पिछले वर्ष जब पाक प्रधानमंत्री अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा से मिले तो ओबामा ने उनसे हाफिज सर्इद के बारे में जानकारी ली लेकिन शरीफ की शराफत देखिए वह ओबामा के सवाल को ही टाल गए।
बराक ओबामा ने नवाज शरीफ से पूछा था कि वह हाफिज सईद के खिलाफ क्या कार्रवाई कर रहे हैं तो इस पर नवाज शरीफ की ओर से कोई जवाब या भरोसा ओबामा को मिला ही नहीं।