चुनाव प्रचार के आखिर दिन राहुल गांधी के रोड शो ने बढ़ाया वाराणसी में सियासी पारा
वाराणसी। बड़ी बेसब्री से जनता को लोकसभा चुनावों को इंतजार था और शनिवार को इन चुनावों के लिए प्रचार का अंतिम दिन भी आ पहुंचा। 12 मई को 16वीं लोकसभा के लिए वोटिंग का आखिरी दौर है और इस दौर में सबकी नजरें वाराणसी में होने वाले मतदान पर लगी हैं।
शनिवार को प्रचार के अंतिम दिन कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने प्रचार के दौरान वोटर्स को लुभाने की सारी ताकतें झोंक दी थीं।
मई की गर्मी में गंगा की इस नगरी का सियासी पारा इस कदर चढ़ा है कि अब इसके 16मई के बाद ही नीचे आने के उम्मीद है। 24 अप्रैल को जब नरेंद्र मोदी अपना नामांकन दाखिल करने के लिए वाराणसी पहुंचे तो शायद उनका रोड शो कांग्रेस, आम आदमी पार्टी और समाजवादी पार्टी की आंखों में खटक गया।
कहना पड़ेगा कि लोकसभा चुनावों के अंतिम दौर को लेकर जितना हंगामा जनता ने देखा है वह शायद इससे पहले किसी भी दौर में देखने को नहीं मिला है।
नरेंद्र मोदी और अरविंद केजरीवाल को करारा जवाब देने के लिए कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी का भी रोड शो शनिवार को आयोजित हुआ। जिस समय राहुल अपने रोड शो में वयस्त थे उस समय उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक नगरी वाराणसी का अधिकतम तापमान 42 डिग्री सेल्सियस था लेकिन रोड शो की वजह से सियासी पारे ने मौसम के पारे को भी पीछे छोड़ दिया था।
आगे की स्लाइड्स में देखिए राहुल गांधी के रोड शो के कुछ खास अंदाज और पढ़िए कि उनका यह रोड शो न सिर्फ कांग्रेस बल्कि बीेजेपी के लिए भी चुनौती बन गया।
नरेंद्र मोदी से हुई थी शुरुआत
24 अप्रैल को जब नरेंद्र मोदी वाराणसी पहुंचे तो उनका रोड शो अपने आप में कई मायनों में खास हो गया था। विशेषज्ञ मानते हैं कि कभी किसी नेता के नामांकन के दौरान इतनी भीड़ का जुटना अपने आप में हैरान करने वाला है। शायद नरेंद्र मोदी का रोड शो बाकी पार्टियों के लिए शक्ति प्रदर्शन की मिसाल बन गया था।
नरेंद्र मोदी को उनकी तर्ज पर जवाब
पांच मई को अमेठी में नरेंद्र मोदी ने बीजेपी उम्मीदवार स्मृति ईरानी के लिए एक रोड शो किया और फिर एक जनसभा को संबोधित किया था। सूत्रों की मानें तो नरेंद्र मोदी पर निशाना साधने के मकसद से राहुल गांधी के इस रोड शो का आयोजन किया गया था।
राहुल के रोड शो ने लगाया वाराणसी में चुनावी तड़का
वाराणसी की लड़ाई पर सबकी नजरें लगी हुई हैं। राहुल गांधी के रोड शो ने इस मुकाबले को और दिलचस्प बना डाला है। अमेठी में पांच मई को नरेंद्र मोदी के रोड शो के बाद और गांधी परिवार को निशाना बनाए जाने के बाद बनारस में इस रोड शो का फैसला लिया गया।
क्या भीड़ तब्दील होगी वोट बैंक में ?
सूत्रों की मानें तो राहुल के रोड शो में जितने भी लोग मौजूद हैं, वह कांग्रेस के ही कार्यकार्ता हैं। सुबह से ही वह इस रोड शो को सफल बनाने के लिए जी-तोड़ मेहनत कर रहे हैं। राहुल ने सुबह से ही रोड शो की शुरुआत कर डाली है। यह देखना होगा कि क्या भयंकर गर्मी में भी राहुल के रोड शो में लोग मौजूद रहेंगे या नहीं लेकिन इतना तो तय है कि राहुल के रोड शो की भीड़ ने कांग्रेस की उम्मीदों को फिर से जिंदा कर दिया है।
नरेंद्र मोदी की तरह पहुंचे पंडित मालवीय की शरण में
जिस तरह से नरेंद्र मोदी ने अपने रोड शो के दौरा बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी के संस्थापक पंडित मदन मोहन मालवीय की प्रतिमा पर माल्यापर्ण किया था, राहुल ने भी उसी अंदाज में पंडित मदन मोहन मालवीय की प्रतिमा पर माल्यापर्ण कर जनता को संबोधित किया।
राहुल और केजरी के रोड शो में लगे चार चांद
राहुल गांधी का रोड शो में कांग्रेस के कई नामी गिरामी चेहरे देखने को मिल। वहीं शुक्रवार को हुए अरविंद केजरीवाल के रोड शो में भी कुछ ऐसा ही देखने को मिला था। केजरीवाल और राहुल गांधी दोनों ही कोशिश है कि वाराणसी से नरेंद्र मोदी के वोट बैंक को जितना कम किया जा सके, कर दिया जाए।
मुस्लिम वोटर्स को लुभाने की कोशिश
इंडिया टुडे के सर्वे के मुताबिक नरेंद्र मोदी को वाराणसी से 56 प्रतिशत वोट्स मिलने का अनुमान है लेकिन वहीं शहर के मुस्लिम वोट्स कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच बंटते नजर आएंगे। इसी बात को मद्देनजर रखते हुए गुरुवार को जहां नरेंद्र मोदी का रोड शो वाराणसी के सवर्ण दे बाहुल्य इलाके से गुजरा तो अरविंद केजरीवाल ने वाराणसी के उन इलाकों का दौरा किया जहां मुस्लिम जनसंख्या सबसे ज्यादा है।
मोदी, राहुल की तरह बड़े शो से अलग
शुक्रवार को आम आदमी पार्टी के अरविंद केजरीवाल वाराणसी के कई इलाकों में छोटी-छोटी नुक्कड़ सभाओं के जरिए वोटर्स से मुखातिब हुए। केजरीवाल के पास कांग्रेस और बीजेपी की तरह पार्टी कार्यकर्ताओं का कोई बड़ा हुजूम नहीं है लेकिन फिर भी उनकी जनसभाएं दोनों ही पार्टियों पर भारी पड़ गई। वाराणसी में राजनीति को करीब से देखने वाले मानते हैं कि केजरीवाल आखिरी मौके पर वोटर्स का मन बदल सकते हैं।
लास्ट डे का लास्ट शो
शनिवार को अंमि क्षणों में वाराणसी की जनता को समाजवादी पार्टी के नेता और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का रोड शो भी देखने को मिला। अखिलेश की पार्टी के लिए वाराणसी काफी अहम है। यहां से उनका कोई मजबूत उम्मीदवार नहीं है लेकिन इसके बावजूद पार्टी के लिए वाराणसी प्रतिष्ठा का सवाल है।