पिछली सरकारें सोचती ही रह गईं, PM मोदी ने कर दिखाए ऐसे 11 फैसले
- हिंदी के इस्तेमाल पर फैसला वापस
- गांवों में हाई-स्पीड इंटरनेट मूलभूत सुविधा
- कभी भी ले सकेंगे 12 गैस सिलेंडर
- हर सांसद से कहा एक आदर्श गांव बनाएं
- यूपीएससी में हिंदी विवाद
- खर्च पर पीएमओ से लेना होगी अनुमति
ऊपर लिखे हुए बिन्दु नरेंद्र मोदी सरकार के लिए गए ऐसे फैसले/मामले हैं, जिन पर कुछ में विवाद हुआ तो कुछ की खुले दिल से तारीफ की गई। 100 दिन पूरे करने पर पीएम मोदी ने जापान से भारत का बुलंद संदेश दिया।
अपने फैसलों में जनप्रियता का पहलू साथ लेकर चलते हुए उन्होंने विपक्ष के हमलों के बावजूद कुछ ऐसी पहल की जिसने उनकी सरकार को 'एक जिम्मेदार सरकार' की श्रेणी में ला दिया। घुमाएं स्लाइडर और जानें उनके ऐसे फैसले, जिनके बारे में अन्य सरकारें सिर्फ सोचती ही रह गईं...
GOM खत्म किया...
लालफीताशाही खत्म करने के लिए सभी मंत्री समूह खत्म किए। अब मंत्री सीधे पॉलिसी पर फैसला लेंगे। समस्या आने पर सचिवालय और पीएमओ ऑफिस दखल देगा। अब मंत्रियों और नौकरशाहों को सीधे पीएम से निर्देश मिलता है।
स्टाफ में रिश्तेदारों पर रोक
नई सरकार ने मंत्रियों केे रिश्तेदारों को निजी स्टाफ में रखने पर रोक लगाई। कहा गया कि किसी भी तरह का कांट्रेक्ट परिचितों को न दें। यदि कोई अधिकारी पिछली सरकार के मंत्री का पर्सनल स्टाफ रह चुका है तो वह इस बार उसी मंत्रालय के मंत्री के साथ नहीं रह सकता।
सैन्य प्रमुखों से प्रतिमाह मुलाकात
देश की सुरक्षा सुनिश्चित करने के ठोस संकेत देते हुए तीनों सेनाओं के प्रमुखों से हर महीने मिलने का निर्णय लिया गया। ऐसा अमूमन कोई भी सरकार नहीं कर पाई...
कैबिनेट कमेटी कैंसिल
यूआईडी, कैबिनेट कमेटी ऑन प्राइज, कैबिनेट कमेटी ऑन मैनेजमेंट ऑफ नैचुरल कैलेमिटीज और कैबिनेट कमेटी ऑन वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गनाइजेशनल मैटर्स को ख़त्म किया गया।
योजना आयोग को 'गुडबाइ'
नरेंद्र मोदी सरकार 64 साल पुराने योजना आयोग को खत्म कर, एक थिंक टैंक लाने पर काम करने में जुट गई है। यह एक केंद्रीयकृत व्यवस्था होगी व सरकार व शासन के साथ कदम से कदम मिलाकर काम करेगी।
पहले ही दिन ले ली पड़ोसी की ख़बर...
नरेंद्र मोदी देश के पहले प्रधानमंत्री हैं जिन्होंने पद ग्रहण करने के पहले ही दिन पाकिस्तान के प्रधानमंत्री से मुलाकात की। हालांकि यह बेहद औपचारिक थी पर किसी भी सरकार ने अपने कार्यकाल में इस तरह का निर्णय नहीं लिया।
पहली कैबिनेट मीटिंग में काले धन पर SIT
अपनी पहली कैबिनेट बैठक में पीएम ने साहसिक कदम उठाया। एसआईटी के गठन का फैसला लिया गया। देश के काले धन को विदेशों से वापस लाने के लिए इस तरह की पहली पहल की गई। इसमें सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज एमबी शाह चेयरमैन और अरिजीत पसायत वाइस प्रेसिडेंट होंगे।
कॉलेजियम सिस्टम खत्म
न्यायपालिका में हस्तक्षेप करते हुए न्यायाधीशों की नियुक्ति प्रणाली में बदलाव लाना और पुराने कॉलेजियम सिस्टम को भंग करना भी एक ऐतिहासिक फैसला साबित हुआ। राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग बनाकर न्यायिक सुधार के प्रयास तेज किए गए हैं।
जन-धन
हाल में शुरु हुई जनधन योजना में हर परिवार के दो खाते खुलवानेे की योजना है। इसके तहत परिवारों के जीरो बैलेंस पर खाते खुलेंगे। 1 लाख रुपए का दुर्घटना बीमा होगा, ग्राहक को डेबिट कार्ड की सुविधा दी जाएगी। जमा राशि से 5000 रूपए की अधिक राशि तक निकालने की छूट रहेगी।
जुवेनाइल जस्टिस
मोदी सरकार ने जुवेनाइल जस्टिस एक्ट 2000 में बदलाव को मंजूरी दी। 16 साल से बड़े किशोरों को दुष्कर्म जैसे अपराध में शामिल होने पर आब्जर्वेशन होम में रखा जाए या फिर उन पर सामान्य कोर्ट में मुकदमा चले, यह तय जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड तय करेगा।
आरटीओ कानून की छुट्टी
बीजेपी सरकार ने आरटीओ दफ्तर खत्म करने की तैयारी की। इसकी तर्ज पर नए कानून लाने की सहमति की। मोटर वाहन संशोधन विधेयक संसद के अगले सत्र में पेश किया जाएगा। गोपीनाथ मुंडे की मौत के बाद यातायात को लेकर भी सरकार का रवैया गंभीर है।