क्या मैनपुरी है अनसेफ जो आजमगढ़ से भी लड़ेंगे मुलायम सिंह यादव?
सवाल यह उठता है कि मुलायम सिंह जैसे नेता को ऐसी क्या जरूरत आन पड़ी की उन्हें दो जगह से चुनाव लड़ना पड़ रहा है। माना की पार्टी का सबसे मजबूत चेहरा मुलायम हैं और उनका जीतना सबसे ज्यादा जरूरी है, लेकिन इसके लिये मैनपुरी के बाद आजमगढ़ को ही क्यों चुना गया?
Did You Know: नेता और पहलवान मुलायम
ये सवाल इसलिये उठता है क्योंकि मुलायम सिंह का जनाधार मैनपुरी में घटता दिखाई दे रहा है। मुलायम पिछले कई वर्षों से मैनपुरी से सांसद हैं, लेकिन अपने संसदीय क्षेत्र के सर्वांगीण विकास नहीं करवा पाये, जबकि सैफई में विकास ज्यादा बेहतर हुअा है। मैनपुरी में लगातार बिजली की किल्लत, खराब सड़कें और बढ़ती बेरोजगारी की वजह से यहां की जनता बेहद नाराज है। इसलिये हो सकता है कि अब मुलायम को मैनपुरी में हारने की संभावना दिखाई देने लगी हो, इसीलिये आजमगढ़ को चुना हो।
आजमगढ़ ही क्यों?
मुलायम ने आजगढ़ ही क्यों चुना है, यह भी बहुत रोचक विषय है। असल में मुलायम का दावा है कि उत्तर प्रदेश में सपा सरकार ने मुसलमानों के लिये बहुत कुछ किया है, और सपा की साइकिल यात्राओं व अन्य रैलियों में मुस्लिमों के उत्थान के लिये किये गये कार्यों का बखान भी किया जा रहा है। लिहाजा मुलायम को विश्वास है कि आजमगढ़ से वो जरूर जीतेंगे।
Did You Know: मुलायम को राजनीति में आने से पहले 'पहलवान' पुकारा जाता था और राजनीति में आने के बाद 'नेताजी' बुलाया जाने लगा। उनके बड़े बेटे अखिलेश नेता बने और छोटे बेटे प्रतीक पहलवान।