मोदी ने नहीं भेजे थे कोई दूत, माफी मांगें गिलानी : बीजेपी
हुर्रियत चेयरमैन ने 21 अप्रैल को पूर्ण कश्मीर बंद का एलान करते हुए 24 व 30 अप्रैल को अनंतनाग व श्रीनगर संसदीय क्षेत्र में और 7 मई को बारामुला संसदीय क्षेत्र में बंद का आह्वान किया है। उधर, भाजपा ने अपने किसी दूत को गिलानी के पास भेजे जाने से साफ इन्कार किया है व गिलानी से माफी मांगने को कहा है।
अपने आवास पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए गिलानी ने कहा कि मेरे पास 22 मार्च को नई दिल्ली में नरेंद्र मोदी के दो दूत मिलने आए थे। यह दोनों कश्मीरी पंडित समुदाय से सम्बंध रखते हैं। इन लोगों ने मुझसे कहा कि मैं कश्मीर मुद्दे पर किसी समझौते के लिए अपनी सहमति दूं और जब नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बनेंगे तो वह कश्मीर मसला हल करवाने की मजबूत कोशिश करेंगे।
गिलानी ने मोदी का दूत बन कर आए दोनों कश्मीरी पंडितों के नामों को गुप्त रखते हुए कहा कि उन्होंने दूतों को मना कर दिया और कहा कि मोदी तो मुसलमानों के कातिल हैं।मैंने इन दोनों दूतों से कहा कि कश्मीर मसले का हल सिर्फ संयुक्त राष्ट्र की सिफारिशों के अनुसार ही संभव है और कश्मीर के लोग भी इसी फार्मूले का समर्थन करते हैं।
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उन्होंने कहा कि उन 'दूतों' ने दावा किया कि कश्मीर के अन्य कई हुर्रियत नेताओं से उनकी बातचीत हो चुकी है। हुर्रियत नेता ने इस दौरान लोगों से चुनाव बहिष्कार को पूरी तरह कामयाब बनाने का आग्रह करते हुए कहा कि सरकार के तानाशाहपूर्ण रवैये के खिलाफ 21 अप्रैल को पूर्ण कश्मीर बंद का आह्वान किया जाता है।
गिलानी ने कहा कि इसके बाद जब-जब मतदान होगा, उस दिन हड़ताल होगी। लेकिन यह हडताल मतदान वाले क्षेत्र तक ही सीमित रहेगी। इस बीच भाजपा ने अलगाववादी गिलानी के पास नरेंद्र मोदी द्वारा किसी दूत को भेजे जाने से साफ इन्कार किया है।
भाजपा के कश्मीर मामलों के प्रभारी रमेश अरोड़ा ने कहा कि हमारी पार्टी का कोई भी नेता या संदेशवाहक न कश्मीर में और न ही दिल्ली में हुर्रियत नेता गिलानी से मिला है। वहीं भाजपा नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि हमारी अभी सरकार नहीं बनी है, ऐसे में हम कैसे कश्मीर मुद्दे पर किसी तरह के समझौते की बात कर सकते हैं। पूरी मसले पर सियासी माहौल गर्म है। चारेां ओर भाजपा नेता सफाई पेश कर रहे हैं व विरोधियों को बैठे-बिठाए भाजपा को घेरने का मुद्दा मिल गया है।