दफन हो जाएगी कांग्रेस की 'राजीव कर्ज योजना'
नई दिल्ली(विवेक शुक्ला)। केन्द्र सरकार पिछली यूपी सरकार की तरफ से शुरू की गई राजीव कर्ज योजना को दफन करने जा रही है। इसे यूपीए सरकार ने सन 2013 में चालू किया था। इसके स्थान पर मोदी सरकार नई योजना को जल्दी ही लागू करने का इरादा रखती है।
क्यों
फेल
हुई
?
राजीव कर्ज योजना के तहत निर्धन परिवारो को उनके घर बनाने के लिए कर्ज देने के लिए चालू की गई थी। पर जानकारों का कहना है कि इस पर कभी गंभीरता से काम नहीं हुआ। इसलिए यह योजना सरकारी फाइलों में ही रही।
राजीव कर्ज योजना को चालू करने के तहत शहरी गरीबों को घर बनाने के लिए 5 लाख रुपये से लेकर 10 रुपये तक का सस्ती ब्याज दरों पर लोन देने का वादा तो था। हालांकि जानकारों का कहना है कि राजीव कर्ज योजना के तहत मुश्किल से कुछ हजारों लोगों को भी कर्ज नहीं दिए जा सके। इस योजना के तहत लोन लेने के लिए बहुत लंबी कवायद करनी होती थी। जिसके लिए कर्ज लेने वाला तैयार नहीं था। वह हताश हो जाता था।
तीन करोड़ लोगों को लोन
सरकारी सूत्रों ने बताया कि सरकार नई योजना को जल्दी ही अमली जामा पहना देगी। इसके तहत कर्ज का राशि भी बढ़ेगी और ब्याज घटेगा। सरकार की चाहत है कि देश की स्वाधीनता के 75 वें साल (सन 2022) तक नई योजना के तहत करीब 3 करोड़ शहरी गरीबों को घर बनाने के लिए लोन दिया जाएगा।