बंद होंगे आरटीओ तो लाखों परिवारों की रोजी-रोटी पर संकट!
नई दिल्ली। भले ही आज लाइसेंस बनाने के लिए एक रकम घूस के तौर पर देनी होती हो, देश में सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार आरटीओ कार्यालय में ही होता हो। लेकिन पता है कि आपको यही वो जगह जिसने लाखों बेरोजगारों का घर चलाया है। क्या भ्रष्टाचार को खत्म करने का एक मात्र जरिया आरटीओ डिपार्टमेंट को ही खत्म करना हो सकता है। दरअसल, जहां एक ओर भ्रष्टाचार को खत्म करने के नजरिए से आरटीओ डिपार्टमेंट को ही समाप्त करने के लिए केंद्रीय परिवहन मंत्री नीतिन गडकरी ने कहा है वहीं दूसरी ओर इसका नकारात्मक असर यह भी पड़ेगा कि लाखों परिवारों की रोजी-रोटी का साधन खत्म हो जाएगा।
एक अनुमान के मुताबिक देश के विभिन्न शहरों में आरटीओ डिपार्टमेंट परिसर में लाखों ऐसे लोग अपना रोजगार चला रहे हैं । लाइसेंस बनाने वाले दलालों को एक बार छोड़ भी दिया जाए तो स्टेंप पेपर बाने वाले वकील, नोटरी करने वाले वकील, ट्रांसपोर्ट मामलों पर कानूनी सलाह देने वाले सलाहकार और छोटे दुकानदार चाय वाले और परचून वाले जिनकी रोजी रोटी सिर्फ आरटीओ आने वाले लोगों की बदोलत चल पाती है। उनक हालत क्या हो जाएगी इसका अंदाजा लगाया जा सकता है।
सबसे बड़ा सवाल तो यह है गडकरी जी?
केंद्रीय मंत्री नीतिन गडकरी ने आरटीओ डिपार्टमेंट को खत्म करने के लिए तो कह दिया है क्या उन्होंने आरटीओ डिपार्टमेंट के एक आस-पास और परिसर में छोटे दुकानदार व छोटे व्यवसायियों के लिए नए रोजगार की तलाश कर ली है। यही सबसे बड़ा सवाल है। भ्रष्टाचार तो कड़ी कार्रवाई व सही निगरानी से खत्म किया जा सकता है लेकिन एक बार छोटे व्यसायिकों के रोजगार छिन गए तो उनको दुबारा स्थापित करना बेहद मुश्किल है।
कानून ला रहे हैं गडकरी
केंद्रीय मंत्री नीतिन गडकरी का कहना है कि वह आरटीओ विभागों को खत्म करके इसकी जगह ऐसा कानून लाएंगे जिसके तहत सारे ट्रैफिक रूल फोलो हो सकेंगे और आरटीओ डिपार्टमेंट की अवश्यकता नहीं पड़ेगी। गडकरी का कहना है कि चालान लोगों के घर पर पहुंचा करेगा और चालान की भरपाई कोर्ट के जरिए हुआ करेगी। केस हारने के बाद लाइसेंस धारक को भरपाई करने हुआ करेगी।