मनमोहन पर 'किताब बम' से हमला, बारु के बाद पारख ने बढ़ाई पीएम की मुश्किलें
पूर्व कोयला सचिव पीसी पारिख की किताब 'क्रूसेडर और कॉन्स्पिरेटर' - कोलगेट ऐंड ट्रुथ' के जरिए उन्होंने पीएम पर निशाना साधा है। पारिख ने अपना लिखा है कि मनमोहन सिंह को मामूली राजनैतिक अधिकार मिले थे। उन्होंने लिखा है कि मनमोहन सिंह जिस सरकार के मुखिया थे, उस पर उनका नियंत्रण बहुत कम था। पारिख ने अपनी किताब में लिखा है कि 17 अगस्त 2005 को जब वो पीएम मनमोहन सिंह से मिले और उन्हें इस बात की जानकारी दी कि किस तरह से सांसद अधिकारियों का अपमान कर रहे हैं।
उन्होंने
कहा
कि
मेरी
इस
शिकायत
को
सुनने
के
बाद
मनमोहन
सिंह
ने
अपनी
वेदना
सामने
रखते
हुए
कहा
कि
मैं
भी
इसी
समस्या
से
जूझ
रहा
हूं।
लेकिन
ये
राष्ट्रहित
में
सही
नहीं
होगा
कि
ऐसे
हर
मुद्दे
पर
मैं
त्यागपत्र
देने
की
बात
करूं।
किताब
के
मुताबिक
पार्लियामेंट
स्टैंडिंग
कमेटी
की
एक
मीटिंग
में
बीजेपी
सांसद
धर्मेंद्र
प्रधान
ने
पारिख
का
अपमान
किया
जिसके
बाद
उन्होंने
त्यागपत्र
दे
दिया
था।
इसी
के
बाद
वो
प्रधानमंत्री
मनमोहन
सिंह
से
मिलने
गए
थे।
संजय बारु की तरह इस किताब मे भी मनमोहन सिंह और उनके मंत्रियों के बीच के संबंधों का खुलासा किया गया है। उन्होंने लिखा है कि अपने ही मंत्रियों की तरफ से लगातार अपमान मिलने या फिर फैसलों के बदले जाने के बाद अगर मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे देते तो देश को उनसे बेहतर प्रधानमंत्री मिल पाता या नहीं।
भले ही पारिख उन्हें कमजोर पीएम बता रहे हो, लेकिन 2जी और कोयला घोटाले को लेकर उन्होंने मनमोहन सिंह का बचाव किया है। उन्होंने लिखा है कि मनमोहन सिंह एक ऐसी सरकार चला रहे थे जिसमें उन्हें बहुत ही कम अधिकार मिले हुए थे। गौरतलब है कि पीएम के पूर्व मीडिया सलाहकार संजय बारु ने भी प्रधानमंत्री को मिले अधिकारों पर सवाल उठाए थे। बारु ने कहा था कि मंत्री पीएम का सम्मान नहीं करते थे। इसके बाद कांग्रेस और बीजेपी में आरोप-प्रत्यारोप के दौर शुरु हो गए थे।