... ममता बनर्जीको को लगा कि अब वे ...
उन्होंने कहा, 'मैं कुछ नहीं देख पाई, क्योंकि वहां हर तरफ धुआं था। किसमत से कमरे का दरवाजा बंद नहीं था और मैं खुद को कंबल से ढंक कर वहां से भागी। मेरे फेफड़े में बहुत सारा धुआं चला गया था और मुझे लगा मेरा दम घुट जाएगा।'
ममता मालदा में प्रचार के दौरान शहर के एक निजी होटल में ठहरी हुई थीं। इस दौरान उनके वातानुकूलित कमरे में आग लग गई, जिसके बाद कमरे में धुआं फैल गया। बीरभूम जिले के नलहाटी में रैली करने से पहले उन्होंने कहा, 'पूरी रात मुझे सांस में तकलीफ हुई और ऑक्सीजन लेना पड़ा। इसके बावजूद मैं ठीक नहीं हूं, लेकिन मैं अपना कार्यक्रम रद्द नहीं कर सकती।'
पार्टी नेताओं को इस घटना के पीछे षडयंत्र नजर आ रहा है और वे निर्वाचन आयोग पर ममता को पर्याप्त सुरक्षा मुहैया न कराने का आरोप लगा रहे हैं। इधर, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने मामले की सीबीआई से जांच कराने की मांग रखी है। चौधरी ने घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, 'मुझे लगता है कि मामले की सीबीआई से जांच होनी चाहिए।'
तृणमूल नेता और राज्य के खेल मंत्री मदन मित्रा ने कहा कि मुख्यमंत्री के कमरे में जहरीला धुआं छोड़ा गया, जबकि महासचिव मुकुल राय ने निर्वाचन आयोग को इस संबंध में पत्र लिखा है।
मुख्य निर्वाचन आयुक्त वीएस संपत और राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकार सुनील कुमार गुप्ता को लिखे अपने पत्र में उन्होंने ममता को पर्याप्त सुरक्षा उपलब्ध न कराने का आरोप निर्वाचन आयोग पर लगाया है। हालांकि यह ऐसा पहला मामला है, जिस पर ममता इतनी सहमी नजर आ रही हैं। पूरे राजनैतिक कॅरिअर में ममता का जोश उनके विरोधियों पर भारी पड़ता रहा है।