क्विक अलर्ट के लिए
अभी सब्सक्राइव करें  
क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

Budget 2014: लंबे-चौड़े बजट भाषण में समझने वाली कुछ जरूरी बातें

Google Oneindia News

arun-jaitley-budget
नई दिल्ली। आम बजट को हममें से ज्यादातर लोग अक्सर जटिल व नीरस तौर पर देखते हैं पर कुछ बातें ऐसी भी होती हैं, जो ना सिर्फ हमारे लिए अहम होती हैं साथ ही उन्हें जानना-समझना बेहद जरूरी होता है।

किन-किन प्रक्रियाओं से गुजरता है आम बजट का पुलिंदा, आइए जानें-

  • आम बजट को तैयार करने के लिए 6 महीने का वक्त लगता है। कई गुणा-भाग व जोड़-तोड़ के बाद तैयार होता है आम जनता की उम्मीदों का पिटारा, जिसे कड़ी सुरक्षा के बीच रखा जाता है।
  • बजट की तैयारी 6 महीने पहले शुरू हो जाती है, लेकिन नई सरकार को कम समय मिला व यह पहलू सरकार की उपलब्ध‍ि भी बन सकता है और कमजोरी भी।
  • बजट मेक‍िंग एक मीटिंग से शुरु होती है जिसमें वित्त मंत्रालय के ज्वाइंट सेक्रेटरी बारी बारी से तमाम सरकारी विभागों के सीएमडी या डायरेक्टर फाइनांस से मिलते है।
  • ज्वाइंट सेक्रेटरी सारी जानकारी व्यय सचिव को सौंपते हैं और व्यय सचिव सेक्रेटरी फाइनांस को। यह सबसे शुरुआती प्रक्रिया होती है।
  • बजट तैयार करने की जिम्मेदारी वित्त सचिव की होती है। वित्त मंत्रालय के आर्थिक विभाग में खास तौर पर बजट डिवीजन बनाया गया है।
  • वित्त मंत्रालय के मुख्य आर्थिक सलाहकार सरकारी विभागों की मदद करते हैं लेकिन अभी कोई आर्थिक सलाहकार नहीं है तो बजट टीम के मुखिया वित्त मंत्री ही बने हैं।
  • वित्त मंत्रालय में आर्थिक मामलों का विभाग कारोबारी संगठनों, बिजनेस चेंबर जैसे सीआईआई, फिक्की, एसोचैम के अलावा देश के जाने माने इकोनॉमिस्ट, प्लानिंग कमीशन के मेंबर्स की राय लेता है।
  • वित्त मंत्री ध्यान रखते हैं कि बजट बनाने की प्रक्रिया में स्टेकहोल्डर्स के हित का कैसे ध्यान रखा जाए, किसान संगठनों से या फिर सॉफ्टवेयर उद्योग की बेहतरी के लिए नैसकॉम की राय पर गौर किया जाता है।
  • बजट बनाने में योजना आयोग की भी अहम भूमिका होती है। किस योजना में कितना खर्च आएगा ये योजना आयोग ही वित्त मंत्रालय को बताता है। इस तरह बजट का प्लान एक्सपेंडीचर यानी योजनागत व्यय नाम से तैयार होता है।
  • किस मंत्रालय को किस योजना के लिए कितने रकम की जरूरत होगी, किस योजना को बंद कर दिया जाए या किन योजनाओं को आपस में मिलाना अच्छा रहेगा ये फैसला भी योजना आयोग के जिम्मे होता है।
  • वित्त मंत्रालय के पास इस तरह आय और व्यय की पूरी जानकारी इकट्टी हो जाती है, प्लान और नान प्लान एक्सपेंडीचर का एस्टिमेट प्रि‍पेयर्ड कर लिया जाता है।
  • अब अहम और लोकलुभावने फैसले सुनने का मौका मिलता है। किस टैक्स में कमी की जाए, और किसमें इजाफा हो यह पीएम की सलाह और कैबिनेट की मंजूरी से किए जाते हैं।
  • बजट पेश होने के एक दिन पहले सारी प्रक्रिया पूरी हो जाती है। दोपहर 12 से 1 के बीच वित्त मंत्री बजट की फाइनल कॉपी को मंजूरी दे देते हैं और इसकी प्रिंटिंग और पैकिंग शुरु हो जाती है।
Comments
English summary
Making of Budget point by point from saying to doing
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X