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महाराष्ट्र चुनाव सर्वेः तो शिवसेना का राजनीतिक भविष्य खतरे में पड़ सकता है

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shivsena maharashtra
मुंबई। शिवसेना का राजनीतिक भविष्य खतरे में पड़ सकता है। यदि उद्धव ठाकरे महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे से हाथ नहीं मिलाते हैं। अंदरूनी कलह की जैसी रूपरेखा उभरकर आ रही है उसको देखते हुए भजपा के रहते शिवसेना का महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री बनने का सपना कभी पूरा नहीं हो सकता। आइए वनइंडिया के सर्वे औऱ जानकारियों के मध्यम से यह जानते हैं कि क्या चाहती है जनताः

शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे महाराष्ट्र राज्य में पिछले पच्चीस सालों से भाजपा के साथ गठबंधन में रहकर महाराष्ट्र में आम जनता का दिल जीतने की कोशिश कर रही है। हैरानी है कि महाराष्ट्र कांग्रेस का गढ़ बन गया है और शिवसेना अभी तक उसी जमीन पर खड़ी है जहां पर जनता शिवसेना को मुस्कान पीछे भय के कारण नाटकिए ढंग से देखती थी। आज भी उद्धव ठाकरे के लिए लाखों लोगों की भीड़ शिवसेना की हां में हां मिलाते नजर आए। लेकिन यह हां दिल से नहीं बल्कि डर के मारे निकलती आई है। जिसका स्पष्ट उदाहरण है कि आज तक शिवसेना अपने आपको मुख्यधारा में नहीं ला पाई।

मिंया थोड़ा जनता की भी सोचिए

वनइंडिया ने अपने एक सर्वे में पाया है कि लोग चाहते हैं कि शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे और महाराष्ट्र नव निर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे एक साथ आएं। जिससे महाराष्ट्र में शिवसेना का शासन स्थापित करने में काफी मदद मिल सकती है। हमारे एक ऑनलाइन सर्वे कर यह पाया है कि 75 फीसदी लोगों का मानना है कि शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे को राज ठाकरे से हाथ मिला लेना चाहिए। जबकि पच्चीस फीसदी लोग उद्धव और राज को साथ नहीं देखना चाहते।

सर्वे अभी खुला हुअा है, आप भी पोल कर सकते हैं-

जिससे शिवसेना की राजनीतिक जमीन भविष्य में मजबूत होगी। इससे यह साफ है कि अगर उद्धव ठाकरे औऱ राज ठाकरे एक साथ आते हैं तो जनता शिवसेना से भावनात्मक रूप से जुड़ जाएगी। जो महाराष्ट्र विधानसभा में शिवसेना के लिए फायदेमंद साबित होगा, यह तय है।

इतना अड़ियन रवैया नहीं चलेगा

घमंड चूर शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे अपने अड़ियल रवैया से पीछे नहीं हटना चाहते। ऐसा रहा तो महाराष्ट्र की जनता का भले के बारे में वह कब सोचेंगे। पिछले कई वर्षों से शिवसेना अपने गृह युद्ध से नहीं निपट पा रही है। सही मायनों में अगर कहा जाए तो शिवसेना को अपने अड़ियल दायरे से बाहर भी आना चाहिए। इससे बाहर आकर ही जनता का हित साधा जा सकता है। नहीं तो इस बार के विधानसभा चुनाव में भी शिवसेना व महाराष्ट्र नव निर्माण सेना को अपने मुह की ही खानी पड़ेगी।

Read this story in English: Maharashtra Assembly polls: Should Shiv Sena, MNS join hands?

हैरानी है कि अपने अड़ियल रवैये के चलते शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने मीडिया में बयान दिया है कि उनकी पार्टी में उनको वापस आने की इजाजत नहीं है जो पार्टी को पहले छोड़कर गए हैं। पार्टी में उनको शामिल नहीं होने दिया जाएगा जो पार्टी छोड़ कर गए। उनका यह साफ इशारा महाराष्ट्र नव निर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे पर था। राज ठाकरे ने नाराज होकर अपनी एक नई पार्टी महाराष्ट्र नव निर्माण सेना का गठन कर लिया था। जिसके बाद उद्धव व राज में दरार बरकरार है।

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English summary
Maharashtra assembly election 2014: Shivsena-BJP and MNS future in Maharashtra assembly.
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