कांग्रेस को नेता विपक्ष का पद देने के पक्ष में नहीं स्पीकर सुमित्रा महाजन
लोस स्पीकर महाजन ने कहा, ‘मुझे अटॉर्नी जनरल से मिले पत्र को देखना होगा। देखना होगा कि नियमों में क्या है और क्या नहीं। उम्मीद है कि चार दिन के भीतर फैसला हो जाएगा।
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पहली बार संकेत भी दिखा कि मुमकिन है कि कांग्रेस के पक्ष में फैसला शायद ना हो। उन्होंने कहा, ‘लोकसभा में विपक्ष का पहला नेता 1969 में ही बना था। इससे पहले किसी को भी लोकसभा में 10 फीसदी सीटें नहीं मिली थीं।
गौरतलब है कि 1980 और 1984 में भी विपक्ष के नेता का पद नहीं था। अब भी इस पद के लिए पर्याप्त संख्या नहीं है।' अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी स्पीकर को पहले ही सलाह दे चुके हैं।
महाजन व कई शीर्ष भाजपा नेताओं का कहना है कि विपक्ष के नेता का पद मांगने का कांग्रेस को अधिकार नहीं है। उसके पास 543 में से सिर्फ 44 लोकसभा सीटें हैं। जबकि यह पद उसी दल को देने की परंपरा रही है जिसके पास सदन में कम से 10 फीसदी सीटें हों। कम से कम 55 सीटों के साथ कांग्रेस इस पद के लिए हक़दार हो सकती थी।