कांग्रेस के हाथ नहीं आया नेता विपक्ष का पद, स्पीकर ने किया नामंजूर
नयी दिल्ली। लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद अब कांग्रेस को एक और झटका लगा है। लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने फैसला दिया है कि सदन में नेता विपक्ष नहीं होगा। लोकसभा में कांग्रेस की संख्या महज 49 है। ऐसे में लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने अपने फैसले में कहा है कि नियम के मुताबिक विपक्षी पार्टी के पास नेता विपक्ष का पद हासिल करने के लिए सदन की सदस्य संख्या का कम-से-कम 10% संख्याबल होना चाहिए।
इस नियम के मुताबिक 16वीं लोकसभा में नेता विपक्ष के पद पर दावा करने के लिए किसी राजनीतिक दल के पास पर्याप्त संख्याबल यानी कि 55 सांसद नहीं है। इस लोकसभा में भाजपा के बाद दूसरे सबसे बड़े दल कांग्रेस है। जिनके पास 44 सांसद है। कांग्रेस के सहयोगी दलों को मिलाकर यूपीए के पास 56 सदस्य होने के आधार पर नेता विपक्ष के पद का दावा भी किया था।
ऐसे में कांग्रेस के दावों को खारिज करते हुए सुमित्रा महाजन ने कहा कि वह नियम और पहले के उदाहरणों से बंधी हैं। उन्होंने कहा कि पहली बार 1969 में सदन में नेता विपक्ष का पद किसी को मिला था। इसके अलावा 1980 और 1984 में भी लोकसभा में किसी दल के पास नेता विपक्ष का पद नहीं था। इस मामले में लोकसभा अध्यक्ष ने अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी से भी सलाह ली थी। उन्होंने भी साफ किया था कि कांग्रेस लोकसभा में विपक्ष के नेता पद के योग्य नहीं है। गौरतलब है कि इससे पहले लोकसभा स्पीकर ने कहा था कि नेता विपक्ष के मामले में अध्यक्ष नियमों से बंधा है, हालांकि सदन चाहे तो इस संबंध में नियम बदल सकता है।