कौन हैं कमला बेनीवाल, जो हमेशा बनीं नरेंद्र मोदी के रास्ते का पत्थर
मोदी पर तीखा हमला
लोकायुक्त विधेयक को गुजरात विधानसभा को पुनर्विचार के लिए वापस भेजते हुए राज्यपाल कमला बेनीवाल ने नरेंद्र मोदी सरकार पर तीखा कटाक्ष किया था। लोकायुक्त की नियुक्ति को लेकर लंबे समय वह मोदी सरकार के साथ उलझीं रहीं। हलांकि अब बर्खास्तगी के बाद सरकार दलील दे रही है कि इसके पीछे काई राजनीतिक साजिश नहीं है।
उन्होंने मोदी सरकार को विधेयक के साथ भेजे नोट में कहा है, "मेरा मत है कि गुजरात लोकायुक्त आयोग विधेयक, 2013 के प्रावधान जनकल्याण के लिए नुकसानदेह है और राज्य विधानमंडल को गुजरात की जनता के हित में उल्लेखित मुद्दों पर फिर से गौर करना चाहिए।" उन्होंने विधेयक में लोकायुक्त की नियुक्ति के लिए प्रस्तावित प्रक्रिया को त्रुटिपूर्ण बताया था।
उल्लेखनीय है कि गुजरात में मोदी सरकार की इच्छा के विरुद्ध बेनीवाल ने रिटायर्ड जस्टिस आरए मेहता को राज्य के लोकायुक्त के तौर पर नियुक्त कर दिया। गुजरात सरकार राज्यपाल के इस फैसले के खिलाफ पहले हाई कोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट गई। दोनों अदालतों ने राज्यपाल के फैसले को बरकरार रखा। उन्होंने इसी तरह राज्य विधान सभा द्वारा पारित कई विधेयकों को भी बेनीवाल ने मंजूरी नहीं दी।
कमला बेनीवाल से जुड़ीं कई बातें एक नजर में
- कमला बेनीवाल स्वाधीनता सेनानी रहीं हैं।
- कमला लंबे समय तक राजस्थान कांग्रेस राज्य सरकार में कई महत्वपूर्ण मंत्री पद संभाल चुकी हैं।
- बेनीवाल का संबंध झुंझुनू जिले के जाट परिवार से। वहीं उनकी प्रारंभिक शिक्षा हुई
- उन्होंने अर्थशास्त्र, राजनीति शास्त्र तथा इतिहास में स्नातक की शिक्षा प्राप्त की और अंतत: इतिहास में एमए की पढ़ाई पूरी की।
- कमला एक तैराक, घुड़सवार, आर्ट प्रेमी और प्राकृतिक प्रेमी हैं।
- पढ़ाई खत्म करने के तुरंत बाद कमला ने कांग्रेस पार्टी ज्वॉइन की थी।
- 1954 में 27 वर्ष की उम्र में उन्होंने विधानसभा चुनाव जीता।
- 1954 में ही वो राजस्थान सरकार में पहली महिला मंत्री बनीं।
- अशोक गहलोत की सरकार में गृह, शिक्षा और कृषि मंत्रालय सहित कई विभागों की मंत्री रहीं।
- कमला राजस्थान की उपमुख्यमंत्री भी रह चुकी हैं।
- कमला बेनिवाल पर पद के दुरुपयोग के भी आरोप लगते रहे हैं।