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LoC कारगिल के 'रीयल' सुनील शेट्टी संजय सिंह से एक मुलाकात

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कारगिल विजय दिवस के मौके पर वनइंडिया का विशेष कवरेज

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द्रास से ऋचा बाजपेयी। कारगिल वॉर को 15 वर्ष हो गए और उस युद्ध की यादों को आज तक भारतीय सेना और उन जाबांजों ने दिल में संजो कर रखा है जिन्‍होंने युद्ध में दुश्‍मन को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया था। इस युद्ध के दौरान चार सैनिकों को परमवीर चक्र दिया गया था और संजय सिंह उनमें से ही एक हैं। संजय सिंह ने वनइंडिया के साथ बातचीत में विक्रम बत्रा के साथ अपने जुड़ाव को याद किया।

बहुत ही मिलनसार थे विक्रम बत्रा

संजय सिंह हर साल कारगिल आते हैं। संजय सिंह और विक्रम बत्रा एक ही साथ थे। बाद में युद्ध के दौरान दोनों अलग-अलग कंपनियों में शामिल हो गए। उन्‍होंने हमें बताया, 'हम काफी करीब थे लेकिन बाद में वह दूसरी कंपनी में चले गए थे लेकिन फिर भी हम मिलते रहते थे और काफी बातें होती

थीं। वह एक यंग ऑफिसर थे और काफी टैलेंटेड भी थे। सभी से काफी अच्‍छे से बात करते थे और काफी मिलनसार थे। आज भी उनकी बहुत याद आती है। मुझे तो एक पल को यकीन ही नहीं हुआ था कि वह शहीद हो चुके हैं। '

खुशी और गम एक साथ

संजय सिंह की मानें तो कारगिल युद्ध को याद कर और द्रास में आकर खुशी और गम एक साथ महसूस करता हूं। संजय ने कहा, 'हमने दुश्‍मनों को अपनी जमीन से बाहर कर दिया और गम इस बात का होता है कि हमनें उस‍ दौरान अपने टैलेंटेड अफसरों और जवानों को खो दिया। जब कभी भी वह दो माह का समय याद आता है तो आंखें नम हो जाती है। उस अहसास को शब्‍दों में बयां कर पाना बहुत ही मुश्किल है।' संजय के मुताबिक 15 वर्ष का समय न तो बहुत छोटा होता है और न ही बहुत बड़ा होता है लेकिन उस समय जो कुछ भी हुआ वह आज भी दर्द देने के लिए काफी है।

उन्‍होंने हमें बताया कि कारगिल युद्ध के समय उन्‍होंने अपनी आंखों के सामने सैनिकों को शहीद होते देखा था। कारगिल युद्ध उनके लिए तो जैसे दूसरे जन्‍म के बराबर है क्‍योंकि वह इस युद्ध के समय मौत को करीब से देख चुके हैं।

सुनील शेट्टी भी हुए मुरीद

जेपी दत्‍ता की फिल्‍म एलओसी में सुनील शेट्टी ने संजय सिंह का रोल अदा किया था। संजय सिंह से हमनें पूछा कि जब उन्‍होंने अपने ही एक रोल को पर्दे पर देखा ता उन्‍हें कैसा लगा। इस पर उन्‍होंने हमें बताया, 'जिस समय फिल्‍म बन रही थी सुनील शेट्टी मुझसे मिले थे। मैंने कुछ दिन उनके साथ मुंबई में बिताए और उन्‍होंने मुझसे कहा कि जो काम हमारी सेना कर रही है, इस फिल्‍म के जरिए बस सैनिकों को एक छोटा सा ट्रिब्‍यूट देने की कोशिश है। सेना और सैनिकों के योगदान के आगे हमारा काम कुछ भी नहीं है।'

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English summary
PVC Sanjay Singh talks about his association with Vikram Batra during kargil war PVC Sanjay Singh talks about his association with Vikram Batra during kargil war.
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