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आप चैन से सो सकें इसलिये मिट्टी के बंकर में रात-रात जागते हैं जवान

By Richa
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कारगिल युद्ध की 15वीं वर्षगांठ पर वनइंडिया पहुंचा एलओसी | सुरक्षा के मद्देनजर हम आपको पोस्ट की तस्वीरें नहीं दिखा रहे हैं।

आर्मी पोस्ट से ऋचा बाजपेई। कारगिल के एक हिस्से में इंडियन आर्मी की एक ऐसी फॉरवर्ड पोस्ट पर मैं पहुंची जहां से लाइन ऑफ कंट्रोल सिर्फ कुछ ही मीटर की दूरी पर है। यह भारतीय सेना की एक ऐसी पोस्ट है जिसे सन 1971 की लड़ाई में पाकिस्तान से वापस हासिल किया गया था।

इस पोस्ट से दुश्मन को न सिर्फ आसानी से देखा जा सकता है बल्कि उसकी एक-एक गतिविधियों पर भी नजर रखी जा सकती है। इस पोस्ट पर आने का रास्ता जितना मुश्किल था, यहां पर रहना और गुजर कर पाना उससे भी कहीं ज्यादा मुश्किल है।

काफी अहम है भारत के लिए यह पोस्ट

इस पोस्ट पर रहने वाले अफसरों और जवानों के पास एक भी सेकेंड का समय नहीं होता कि वह अपनी पलकें झपका सकें। पल-पल उन्हें दुश्मन पर अपनी नजर बनाकर रखनी होती है। इंडियन आर्मी के लिए यह पोस्ट दो वजहों से काफी अहम है।

एक तो अगर इस पोस्ट पर सेना तैनात नहीं रही तो फिर पाकिस्तान आसानी से अपनी पकड़ भारत पर बना सकता है। दूसरा इस पोस्ट के पास ही एक भारतीय गांव है। इस गांव में करीब 40 से 50 लोग होंगे जो अपने गांव को छोड़कर कहीं और जाना नहीं चाहते हैं। सेना के एक अफसर की मानें तो इन नागरिकों की रक्षा के लिए भी इस पोस्ट पर सेना को मुस्तैद रहना पड़ता है।

गर्मी और सर्दी में भी तैनात सेना

पोस्‍ट पर जिस समय मैं पहुंची दोपहर का समय था और तापमान करीब 35 डिग्री सेल्सियस था। धूप एकदम सिर पर थी और खड़ा हो पाना भी मुश्किल था। लेकिन हमारे जवान और अफसर उस गर्मी में भी देश के लिए अपना फर्ज निभा रहे थे। जिस तरह से दिन में भयंकर गर्मी रहती है उसी तरह से रात में खून जमा देने वाले सर्दी का सामना यहां पर हमारी सेना को करना पड़ता है।

गांवों में जिस तरह से मिट्टी के घर बने होते हैं, उसी तरह से इस पोस्ट पर भी मिट्टी से कुछ कमरे तैयार किए गए हैं। इन्हीं कमरों में एक जगह आपको डाइनिंग टेबल दिखेगी, एक किनारे पर आपको किचन और एक किनारे पर आपको टीवी का कमरा मिलेगा। टीवी के इस कमरे को 'मौज मस्ती' नाम दिया गया है।

ये वो मिट्टी के बंकर हैं, जिनमें रात-रात भर हमारे जवान जागते हैं, ताकि आप अपने बेडरूम में चैन से सो सकें। दोपहर को मिट्टी गर्म हो जाती है, जिसके बीच में बैठना हर किसी के बस की बात नहीं और रात को जब तापमान गिरता है तब यही मिट्टी बर्फ के समान ठंडी हो जाती है। यही नहीं बर्फबारी के दौरान पूरी पोस्ट बर्फ से ढक जाती है, तो बर्फ हटाने का काम भी जवानों को खुद करना होता है।

पहले फूटते थे पटाखे, अब जलते हैं दीए

एक समय था कि जब-जब भारत पाकिस्तान को क्रिकेट में हराता था, तब-तब यहां पटाखे जलाकर जश्न मनाया जाता था, सुरक्षा के मद्देनजर पटाखे तो नहीं, हां दीये जरूर जलाये जाते हैं। दीये जलाकर जश्न मनाया जाता है। यहां पर तैनात सेना के जवान और अफसरों के लिए वह खुद ही एक दूसरे के दोस्त होते हैं।

हर क्रिकेट मैच में मिली जीत के समय एक दूसरे को गले लगकर बधाई देना, किसी की तकलीफ में उसके साथ खड़े रहना और किसी के अकेलेपन में उसका साथ निभाना, यह तरीका होता है, इन तरीकों से अपना दुख दर्द बाटां जाता है। और भी हैं कारगिल जंग से जुड़ी ऐसी खबरें।

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English summary
Oneindia reaches on the post of Indian army where Pak border is just few meters away. Here is the scenario of forward post at LoC in Kargil.
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