गई 'अम्मा' की कुर्सी: जयललिता को 4 साल की जेल और 100 करोड़ रुपये का जुर्माना
बैंगलोर। तमिलनाडु की मुख्यमंत्री और एआईडीएमके सुप्रीमो जयललिता को करारा झटका लगा है। आय से अधिक संपत्ति मामले में 18 साल की लंबी कानूनी लड़ाई के बाद अदालत ने जयललिता को दोषी करार देते हुए सजा के तौर पर चार साल की कैद और 100 करोड़ रुपये जुर्माना भरने का फैसला सुनाया है। स्पेशल जज जॉन माइकल डीकुन्हा ने बेंगलुरू की पारापन्ना अग्रहरा जेल कैंपस में बनाए गए अस्थायी अदालत में फैसला सुनाया।
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इस मामले में कई राजनीतिक और कानूनी उतार-चढ़ाव देखने को मिले। उनकी निकट सहयोगी शशिकला नटराजन, उनकी रिश्तेदार इलावरासी, उनके भतीजे और जयललिता द्वारा बेदखल किए जा चुके उनके गोद लिए गए बेटे सुधाकरन समेत अन्य को मामले में आरोपी बनाया गया था। इस मामले में तमिलनाडु सतर्कता और भ्रष्टाचार निरोधक विभाग ने इसे चेन्नई की विशेष अदालत में 1996 में केस दायर किया था। इस मामले को वर्ष 2003 में उच्चतम न्यायालय ने उस समय बेंगलूर की विशेष अदालत में स्थानांतरित कर दिया था, जब द्रमुक के नेता के अन्बझगन ने याचिका दायर करके तमिलनाडु में निष्पक्ष सुनवाई पर संदेह जाहिर किया था। उस समय राज्य में जयललिता की सरकार थी।
तमिलनाडु में सड़क पर उतरे एआईएडीएमके कार्यकर्ता
तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे जयललिता को शनिवार को आय से अधिक संपत्ति मामले में दोषी ठहराए जाने और चार साल की सजा सुनाए जाने के बाद ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) के कार्यकर्ता सड़क पर उतर आए और उन्होंने बसों पर पथराव किया तथा दुकानें जबरन बंद करवाई। एआईएडीएमके कार्यकर्ताओं ने बसों पर पथराव किया और कांचीपुरम, त्रिची, मदुरई तथा कई अन्य स्थानों पर दुकानें जबरन बंद करवाई। एआईएडीएमके कार्यकर्ताओं ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी के घर पर भी पथराव किया।