कभी आम आदमी पार्टी के अपने रहे मिडिल क्लास ने छोड़ा साथ
इस लिहाज से रैली कांग्रेस या भारतीय जनता पार्टी की किसी रैली की तरह ही लगी। हालांकि आम आदमी पार्टी के नेता कह रहे हैं कि उसके बहुत से समर्थक रैली स्थल पर दिल्ली के दूर-दराज के इलाकों और हरियाणा से आए थे बसों में। जो भी हो, आम आदमी पार्टी की रैली में इस तरह का मंजर पहली बार देखने को मिला।
छात्र नदारद रहे रैली से
आम आदमी पार्टी की रैली में छात्र-छात्राओं की हमेशा से अच्छी-खासी भागेदारी रहती रही है। लेकिन रविवार को हुई रैली में छात्र-छात्राएं नहीं दिखे। उनकी भागेदारी ना के बराबर ही रही। दिल्ली यूनिवर्सिटी,जवाहर लाल नेहरु यूनिवर्सिटी और जामिया मिलिया यूनिवर्सिटी के छात्र आम आदमी पार्टी के गठन से पहले इंडिया अंगेस्ट करप्शन की ऱैलियों में भी पहुंचते रहे थे।
जानकार इसकी वजह यह मानते हैं कि जब से अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया,उससे मिडिल क्लास और छात्र छिटकने लगे। रविवार की रैली में मिडिल क्लास की भागेदारी भी नहीं दिखी। पहले उन रैलियों में मिडिल क्लास की भागेदारी खूब दिखती थी,जिधर अरविंद केजरीवाल को संबोधित करना होता था।
हालांकि रैली में लोगों की भागेदारी तो ठीक थी, पर पहले वाली रैलियों में जिस तरह का उत्साह दिखता था, उसका साफ अभाव दिखा। जंतर-मंतर पर बहुत से लोग गुजरने के बाद भी रैली में नहीं आए। पहले तो जो भी आम आदमी पार्टी की रैली के आसपास होता था, वह रैली स्थल पर पहुंच जाता था।