कन्नड़ लेखक अनंतमूर्ति के निधन पर, बजरंग दल ने जलाये पटाखे
बेंगलुरु। ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित कन्नड़ भाषी साहित्यकार यूआर अनंतमूर्ति का लंबी बीमारी के बाद बेंगलुरु में निधन हो गया। वे 82 साल के थे। वे किडनी से संबंधित बीमारी से ग्रसित थे और उन्हें लगातार डायलिसीस पर रखा जा रहा था। उन्होंने बैंगलोर के मनीपाल हॉस्पिटल में अंतिम सांस ली।
1998 में उन्हें नागरिक सम्मान पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। अनंतमूर्ति की मशहूर और सबसे विवादित किताब 1970 के दशक में आयी थी। किताब का नाम था संस्कार। अन्य कृतियों में भव, भारतीपुर, बारा और अवस्थ बहुत मशहूर हुई थीं।
मोदी बने प्रधानमंत्री तो छोड़ दूंगा भारत
हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव के दौरान अनंतमूर्ति ने कहा था कि अगर नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने तो वो देश छोड़ देंगे। हालांकि बाद में उन्होंने कहा कि भावनाओं में बहकर यह बयान दिया था।
वहीं पीएम नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर अनंतमूर्ति के निधन पर शोक जताया है।
Shri
UR
Ananthamurthy's
demise
is
a
loss
to
Kannada
literature.
My
condolences
to
his
family.
May
his
soul
rest
in
peace.
—
Narendra
Modi
(@narendramodi)
August
22,
2014
बजरंगदल ने मूर्ति की मौत पर जलाये पटाखे
आरएसएस व भााजपा विरोधी विचारधारा के लिये मशहूर रहे अनंतमूर्ति के निधन पर बैंगलोर में बजरंग दल के कार्यालय के बाहर पटाखे जलाकर जश्न मनाया गया। पुलिस ने बल प्रयोग कर उन्हें खदेड़ दिया। पुलिस के अनुसार सभी उपद्रवियों ने मुंह पर कपड़ा लपेट रखा था। सच पूछिए तो बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने ऐसा करके अपनी निम्न स्तर की मानसिकता का परिचय दिया है।