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मां की मांग: 'पहले पंधेर को दो फांसी, फिर कोली को लटकाओ'

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मेरठ। बीते दिनों जब से सुप्रीम कोर्ट ने कोली की फांसी पर रोक लगाई है, तब से सियासी-सामाजिक सरगर्मियां तेज हो गईं हैं। सुरेंद्र कोली सामान्य दिखने के कुछ देर बाद अचानक चिंतामग्न मुद्रा में नज़र आने लगता है। बैरक के बाहर घूमने के दौरान भी वह ना जाने किस सेाच में डूबा सा निराश दिखाई दे रहा था।

surendra koli death

बताया गया कि सुरेंद्र कोली अभी भी खोया-खोया सा रहता है। बैरक से बाहर घूमने के लिए कुछ समय को निकला था पर चूंकि बाहर घूमने पर बंदी रक्षकों को साथ रखा जाता है इसलिए वह कुछ असहज सा दिखाई दिया।

कोली की मनोदशा को देखकर कई बार तो जेल के डाक्टर भी हैरत में पड़ जाते है। माना जा रहा है कि कभी-कभी वह सोचता है कि फांसी टल गई है, तो कभी फांसी लगने को लेकर परेशान हो जाता है।

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बैरक में कोली और बाहर मीडिया के लोग उसके परिजनों के आने का इंतजार करते रहे। वरिष्ठ जेल अधीक्षक का कहना है कि यदि उसके परिवार के लोग समय के बाद भी आए गए तो उन्हें नियमों को ध्यान में रखकर मिलवा दिया जाएगा।

सुरेंद्र कोली की फांसी एक सप्ताह के लिए टाल दी गई है व जेल सूत्रों की मानें तो तभी से सुरेंद्र कोली काफी राहत महसूस कर रहा है। अक्सर वह सोचने लगता है कि फांसी शायद टल गई है व फिर से कानूनी दांव-पेंच देखकर सकते में आ जाता है कि अभी खतरा टला नहीं है। हालांकि कोली की पूरी रिपोर्ट को जेल प्रशासन ने शासन को फैक्स द्वारा भेज दी गई है।

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English summary
Jail Administration sought routine report on nithari Surendra Koli
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