आम बजट 2014: जानिए क्या है बजट और हलवे का कनेक्शन
नई दिल्ली। बजट और हलवा, आपको शायद सुनने में अजीब लगे लेकिन बजट का इस हलवे के साथ एक बहुत ही गहरा कनेक्शन होता है। हर वर्ष की तरह इस बार भी गुरुवार को आम बजट पेश कर दिया जाएगा। क्या इस बार बजट में टैक्स में छूट मिलेगी, क्या रोजमर्रा की जिंदगी से जुड़ी चीजें सस्ती होंगी या नहीं, यह और ऐसे न जाने कितने सवाल आपके दिमाग में हर पल घूमते रहते हैं।
हर वर्ष आपके वित्त मंत्री जी बजट का लेखा-जोखा पेश करते हैं। क्या कभी आपने इस बात को जानने की कोशिश की है कि आखिर आपका यह बजट तैयार होने के बाद प्रिंट कैसे होता है और इसकी पूरी प्रक्रिया क्या होती है ?
आइए आज हम आपको बजट से जुड़े कुछ ऐसे छिपे हुए राज से रूबरू करवाते हैं जिन्हें आपने शायद ही कभी जानने की कोशिश की होगी। स्लाइड्स पर क्लिक करिए और जानिए कि क्या है बजट का हलवे के साथ कनेक्शन और कैसे होती है बजट पेपर्स की प्रिटिंग।
बजट पेश होने से पहले देखे जाते हैं पेपर्स
जिस समय सरकार बजट पेश करने वाली होती है, उससे पहले वित्त मंत्री, प्रधानमंत्री के साथ ही सिर्फ कुछ चुनिंदा लोगों को बजट पेपर्स देखने का हक होता है।
100 लोगों की टीम जुटती है बजट में
बजट पेश होने से पहले अक्सर आप संसद के बाहर बजट से जुड़े पेपर्स की लंबी लाइन देखते हैं। इन पेपर्स को 100 लोगों की एक टीम मिलकर तैयार करती है।
किसी से बात करने की भी मंजूरी नहीं
वित्त मंत्रालय से जुड़े यह 100 आफिसर करीब 15 दिनों तक फाइनेंस मिनिस्ट्री यानी नॉर्थ ब्लॉक में ही रहते हैं। यह इनके लिए किसी कैद से कम नहीं होता।
फोन की मनाही
बजट से जुड़ी हर बात किसी भी तरह से लीक न हो इस बात को ध्यान में रखते हुए ही अधिकारियों को घर जाने की मंजूरी तक नहीं होती है।
सरकार का अपना प्रिटिंग प्रेस
नॉर्थ ब्लॉक में वित्त मंत्रालय का अपना एक प्रिटिंग प्रेस है। बजट तैयार हो जाने के बाद यहीं पर प्रिटिंग के लिए भेज दिया जाता है। बजट को प्रिंट करने के लिए जो टेक्निकल स्टाफ आता है, उसे कड़ी सुरक्षा जांच से गुजरना होता है। यह स्टाफ भी सरकार से जुड़ा होता है।
नॉर्थ ब्लॉक के बेसमेंट में प्रिटिंग हाउस
बजट प्रिटिंग प्रेस नॉर्थ ब्लॉक के बेसमेंट में स्थित है और यहां पर दो मशीनें लगी हुई हैं जिन पर बजट को प्रिंट करने का काम होता है।
लॉक इन पीरियड
साधारण तौर पर बजट पेश होने के एक हफ्ते पहले से ही बजट को प्रिंट करने की प्रक्रिया शुरू हो जाती है। जिस दिन से बजट प्रिंट करने का काम शुरू होता है और जब तक यह चलता है, उसे लॉक-इन पीरियड कहते हैं।
बेसमेंट में तैयार होता है हलवा
पिछले कई वर्षों से यह परंपरा का हिस्सा है कि जब प्रिटिंग स्टाफ यानी बजट प्रिटिंग के दौरान जो 'लॉक-इन पीरियड ' शुरू होता है, उससे पहले बेसमेंट में ही मीठा हलवा तैयार होता है और उसे पूरे स्टाफ में बांटा जाता है।
इंटेलीजेंस ऑफिसर की पूरी नजर
बेसमेंट में कोई भी अधिकारी अपना सेल फोन नहीं ले जा सकता है लेकिन यहां पर एक पुराना टेलीफोन है। इस टेलीफोन पर आने वाली किसी भी कॉल को प्रिटिंग स्टाफ से जुड़ा कोई भी व्यक्ति रिसीव कर सकता है। यहां पर आपको बता दें कि रिसीव करने के बाद वह व्यक्ति जो भी बात करेगा उसे इंटेलीजेंस का एक अधिकारी सुनता है।
फाइनेंस मिनिस्ट्री के अधिकारी करते प्रूफ रीडिंग
प्रिटिंग प्रेस में पूरे प्रिंटिंग स्टाफ के लिए बाहर से खाना आता है। इसके अलावा फाइनेंस मिनिस्ट्री से जुड़े अधिकारियों को ही बेसमेंट में आने की मंजूरी है। वह यहां पर बजट पेपर्स की प्रूफ रीडिंग और सभी जरूरी तथ्यों को चेक करने के लिए आते हैं।
पूरी सुरक्षा में पहुंचाए जाते हैं संसद
जिस दिन बजट पेश होने वाला होत है, उससे पहले वाली रात को कड़ी सुरक्षा के बीच इन बजट पेपर्स को संसद पहुंचा दिया जाता है।
भाषण के बाद ही मिलती है कैद से आजादी
जब तक वित्त मंत्री अपनी बजट स्पीच संसद में पेश नहीं कर लेते हैं, स्टाफ को आजादी नहीं मिलती है। स्पीच खत्म होने के बाद ही उन्हें कहीं जाने की मंजूरी मिलती है।