100 बिलियन डॉलर के निवेश को ठेंगा दिखा गए जिनपिंग
मुंबई।
चीन
के
राष्ट्रपति
शी
जिनपिंग
तीन
दिवसीय
भारत
दौरे
पर
आए
और
दौरा
खत्म
करके
वापस
भी
चले
गए।उनके
भारत
दौरे
के
शुरू
होने
के
पहले
से
ही
इस
बारे
में
बातें
हो
रही
थीं
कि
चीन
भारत
में
100
बिलियन
डॉलर
तक
का
निवेश
करने
का
मन
बना
चुका
है।
जब इस तरह की बातें शुरू हुईं तो लोगों की उम्मीदें भी बढ़ गईं। सबकी उम्मीदें को जिनपिंग ने पानी फेर दिया। सिर्फ 20 बिलियन डॉलर के निवेश के साथ ही उन्होंने देश की सैंकड़ों बिलियन डॉलर की सारी उम्मीदों को ठेंगा दिखा डाला।
चीनी
अधिकारी
ने
किया
था
दावा
हिंदुस्तान
टाइम्स
की
खबरों
के
मुताबिक
मुंबई
में
चीन
के
काउंसल
जनरल
की
ओर
से
इस
तरह
की
बातें
कहीं
गई
थीं
कि
चीन
आने
वाले
पांच
वर्षों
में
भारत
में
100
बिलियन
डॉलर
का
निवेश
कर
सकता
है।
इस काउंसल जनरल की ओर से किए हुए दावों को उनके राष्ट्रपति जिनपिंग ने ही बेकार करार दे डाला।
20 बिलियन डॉलर के निवेश के साथ ही अब हर तरफ यह बातें होने लगी हैं कि आखिर ऐसी बातें क्यों हुई और क्यों चीन ने सिर्फ 20 बिलियन डॉलर निवेश पर ही अपनी सहमति जताई है। वहीं अब मुंबई स्थित इसी काउंसल जनरल के सुर बदल गए हैं।
शिगूफे की वजह जापान!
जब इस मुद्दे पर इस काउंसल जनरल से सवाल किए गए तो उन्होंने कहा कि 100 बिलियन डॉलर निवेश का आंकड़ा कभी भी हमारी ओर से कहा गया कोई आधिकारिक आंकड़ा था ही नहीं।
भारत में मौजूद विशेषज्ञों की मानें तो चीन कभी भी सैंकड़ों डॉलर का निवेश भारत में नहीं कर सकता है। वह सिर्फ जापान के 35 बिलियन डॉलर के निवेश की वजह से भारत में निवेश का इच्छुक था।
100 बिलियन डॉलर की बातें चीन के अधिकारी की ओर से सिर्फ इसलिए कही गई थीं ताकि भारत में जापान के 35 बिलियन डॉलर के निवेश को लेकर जो भी बातें हो रही थीं, उस पर लगाम लग सके।