जानिए नवाज शरीफ और इमरान खान का इंडियन कनेक्शन
नई
दिल्ली।
[विवेक
शुक्ला]
पाकिस्तान
में
इन
दिनों
प्रधानमंत्री
नवाज
शरीफ
की
सरकार
को
बर्खास्त
करने
की
मांग
को
लेकर
जबरदस्त
आंदोलन
चल
रहा
है।
उनके
खिलाफ
चल
रहे
आंदोलन
की
अगुवाई
कर
रहे
हैं
तहरीके
इंसाफ
पार्टी
प्रमुख
इमरान
खान।
इत्तेफाख
देखिए
कि
नवाज
शरीफ
और
इमरान
कुछ
मायनों
में
भारतीय
हैं।
उनके
भारत
से
बड़े
मजबूत
कनेक्शन
हैं।
अमृतसरी नवाज शरीफ
नवाज शरीफ के पुरखे देश के विभाजन के बाद अमृतसर से लाहौर चले गए थे। उनका संबंध अमृतसर जिले के जट्टी उमरा गांव से हैं। जट्टी उमरा से उनका संबंध अब भी बना हुआ है।
शरीफ साहब के लाहौर स्थित आवास का नाम जट्टी उमरा ही है। वे जब पहली मर्तबा पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बने थे तब उनके पिंड यानी गांव वालों ने जमकर पटाखे छोड़कर अपनी खुशी का इजहार किया था।
उनके अब्बा, जिन्हें सब लोग आदर से अब्बा जी कहते थे, कि तो इच्छा थी कि मृत्यु के बाद उन्हें उसी मिट्टी में दफन किया जाए जिससे उनके परिवार का सदियों पुराना नाता रहा है। अफसोस कि दोनों पड़ोसी मुल्कों के जिस तरह के संबंध रहे,उसमें यह मुमकिन नहीं हुआ।
अब्बा जी का उन दिनों इंतकाल हो गया था, जब उन्हें मुशर्रफ ने देश छोड़ने के लिए मजबूर कर दिया था। शरीफ का भारत की नामवर पंजाबी लोक गायिकाओं से भी खासा संबंध रहा है। उनके परिवार में हर खुशी के मौके पर पंजाबी लोकगायिकाएं प्रकाश कौर और सुरेन्द्र कौर कार्यक्रम पेश करती रही हैं।
अब देखना यह है कि अगर शरीफ साहब के छोटे भाई और पंजाब के मुख्यमंत्री शहबाज शरीफ तो कुछ समय पहले अपनी गांव लौटे भी थे। उन्होंने तमाम जगहों के दर्शन किए थे, जिनसे उनके पुऱखों का संबंध रहा है।
इमरान और जालंधर का इस्लामिया कालेज
साउथ एशिया के सबसे खासमखास सेलिब्रटी रहे इमरान की अम्मी शौकत खानम जालंधर से आती थीं। उनके नाना डा. इकरामउल्ला खान शहर के बड़े ही सम्मानित शिक्षाविद् थे। घर था बस्ती दानिशमंदा में।
उन्होंने ही जालंधर में इस्लामिया कालेज की स्थापना की थी। इमरान खान ने 2007 में दिल्ली की अपनी यात्रा के दौरान इस लेखक को बताया था, उनका ननिहाल करीब 400 साल से जालंधर में बसा हुआ था। तब हमने उनसे कहा कि जनरल जिया और नुसरत फतेह अली खान भी जालंधर से ही आते थे।
तब उनका जवाब था, 'यार,ये दोनों छोटे-मोटे परिवारों से आते थे। इनकी मेरे परिवार से कोई बराबरी नहीं की जा सकती।' उनके दावे में अलग तरह का ठस्का था। वे एक तरह से बताना चाह रहे थे कि उनकी क्लास इनसे अलग है। इमरान खान 2007 में अपने ननिहाल यानी जालंधर खासतौर पर गए थे।
तब वे यहां पर वर्ल्ड इंटर फेत कांफ्रेंस में शिरकत करने के लिए आए थे। उन्होंने बताया था, ' मेरे माता-पिता का निकाह भी जालंधर में ही हुआ था। हालांकि 1947 के बाद सारा ननिहाल लाहौर में ही जाकर बस गया। पर जालंधर तो मां की तरफ के सभी संबंधियों के खून में बसता था।'
हालांकि अब वो पीढ़ी तो नहीं रही है,जिसने डा. इकरामउल्ला के साथ मिलकर काम किया था पर एसे लोग अब भी शहर में हैं जिन्हें मालूम है कि डा. इकरामउल्ला खान का कद कितना बड़ा था।