किसानों के लिए दूरदर्शन का कृषि दर्शन प्रोग्राम अब होगा किसान चैनल, वेबसाइट हो चुकी लांच
भाजपा का वादा था उच्चाधिकारियों से
आपको बता दें कि कृषि दर्शन के चैनल बनने की फुसफुसाहट जनवरी महीने से शुरू हो गई थी। सूत्रों के मुताबिक दूरदर्शन के कई अधिकारियों से भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने वादा किया था कि यदि उनकी सरकार केंद्र में आती है तो कृषि दर्शन प्रोग्राम को एक किसान चैनल बना दिया जाएगा।
कृषि दर्शन ने बनाया इतिहास
वर्ष 2014 की शुरूआत से ही कृषि दर्शन प्रोग्राम के सेक्शन की काया पलट होती दिख रही थी। गिनीज बुक ऑफ वल्ड रिकोर्ड में दर्ज कृषि दर्शन को भारत का सबसे लम्बे दौर से चल रहे प्रोग्राम के रूप में माना गया है। आपको बता दें कि इस प्रोग्राम की कायापलट के लिए कंसल्टेंट सेल बनाई गई, जिसमें दो युवा पत्रकारों के दिमाग काम कर रहे थे। 1967 से चल रहे इस प्रोग्राम का दायरा लोकप्रियता व दायरा बढ़ाने के लिए सबसे पहले इसे ऑनलाइन लॉंच किया गया। जिसके बाद सोश्यल नेटवर्किंग साइट पर इसे अच्छी बढ़त मिलने के बाद प्रोग्राम की वेबसाइट लोंच करने के प्रयास गिए गए। जिसका नतीजा यह रहा कि कुछ ही महीनों के प्रयासों व अप्रूवल के बाद इसकी वेबसाइट (www.krishidarshandd.in) भी लोंच कर दी गई।
यह होगी टारगेट ऑडियंस
पहले कृषि दर्शन को केवल किसानों को ही टारगेट करके चलाया जा रहा था। लेकिन इसके लिए किसानों के अलावा कृषि से जुड़े छात्र, कृषि वैज्ञानिक, रिसर्चर, पत्रकार व अन्य बुद्धिजीवी किसान चैनल व इसकी वेबसाइट की टारगेट ऑडियंस होंगे।