UP में खाप पंचायत का फरमान: बच्चे दो ही अच्छे
नई
दिल्ली।
देश
की
सर्वोच्च
अदालत
ने
पंचायतों
को
भले
ही
कानूनी-संवैधानिक
दर्जा
ना
दिया
हो
पर
तुगलकी
फरमानों
का
सिलसिला
अभी
थमा
नहीं
है।
खाप
पंचायतों
ने
यूपी
में
एक
नया
फरमान
सुनाया
है,
जिसे
आधुनिक
परिवार
नियोजन
निर्णय
के
तौर
पर
माना
जा
रहा
है।
दरअसल शामली जिले की एक पंचायत ने कहा है कि गांववाले सिर्फ दो बच्चे ही पैदा करेंगे व इस पर समाज व मीडिया में हलचल मच गई है। यह फैसला भैंसवाल गांव की खाप पंचायत ने लिया है।
पंचायत के नेता का कहना है कि खाप पंचायत के इस फरमान का दोनों समुदायों ने स्वागत किया है व इसे परिवार नियोजन के तौर पर लिया जाना चाहिए। पंचायत का तर्क था कि फैमिली प्लानिंग करने से आने वाली पीढ़ी को अच्छी शिक्षा मिल सकेगी, उनका विकास सुनिश्चित हो सकेगा।
पढ़ें-
वीसी
पर
ताबड़तोड़
हमला
खाप
ने
40
गावों
में
रहने
वालों
को
फरमान
जारी
कर
कहा
है
कि
वे
दो
से
ज्यादा
बच्चे
पैदा
ना
करें
क्योंकि
यह
उनके
ही
हित
में
लिया
गया
फैसला
है।
ज्यादा
बच्चे
होने
से
गरीबी
और
पिछड़ापन
फैलता
है
व
देश
का
विकास
बाधित
होता
है।
हालांकि
इस
फरमान
को
भी
सामाजिक
तौर
पर
'तुगलकी'
बताया
जा
रहा
है।