Exclusive: बार-बार चीनी राष्ट्रपति के पास कैसे पहुंचे तिब्बती प्रदर्शनकारी
नई दिल्ली (विवेक शुक्ला)। तमाम सुरक्षा घेरे को तोड़ते हुए तिब्बती प्रदर्शनकारी चीनी दूतावास,हैदारबाद हाउस और ताज होटल, जिधर चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ठहरे थे, अपने दिल्ली प्रवास के दौरान पहुंचते रहे?
राजधानी में इस सवाल को तमाम लोग पूछ रहे हैं। कहने को चीनी राष्ट्रपति की सुरक्षा इतनी कड़ी थी कि वे जिधऱ भी गए वहां पर परिंदा भी पर नहीं मार सकता था। इसके बावजूद तिब्बतियों का चीनी राष्ट्रपति के करीब पहुंचना बहुत कुछ कहता है।
किसकी शह थी तिब्बती प्रदर्शनकारियों
कहने वाले तो यहां तक कह रहे हैं कि भारत सरकार के शिखर स्तर पर लिए गए फैसले के तहत प्रदर्शनकारियों को चीनी राष्ट्रपति के पास जाने से नहीं रोका गया। एक तरह से भारत दिखाना चाहता था कि वे तिब्बत के लोगों के अधिकारों के प्रति वचनबद्ध है। दरअसल जब तिब्बती प्रदर्शनकारी राष्ट्रपति के दौरे के पहले दिन चीनी दूतावास के बाहर प्रदर्शन करने पहुंचे तो पुलिस ने उन पर कोई कठोर कार्रवाई नहीं की।
एक अरसे के बाद देखने में आया कि दिल्ली पुलिस या बाकी सुरक्षा बलों ने चीनी दूतावास के बाहर प्रदर्शन कर रहे तिब्बती प्रदर्शनकारियों को बुरी तरह से खदेड़ा नहीं। उस दिन यही हुआ। चीनी दूतावास के बाहर प्रदर्शन कर रहे लोगों को पुलिस ने हिरासत में लिया। उसके बाद उन्हें छोड़ दिया गया।
तिब्बती प्रदर्शनकारी चीनी राष्ट्रपति के भारत दौरे का कर रहे थे विरोध। करीबी 200 तिब्बती चीनी दूतावास के आसपास एकत्र हो गए थे ताकि प्रदर्शन कर सके। उनका इस तरह का सिलसिला लंबे समय से चल रहा है। ये तिब्बत से चीनी को चले जाने की मांग कर रहे हैं।
तिब्बती प्रदर्शनकारी मजनूं का टीला में बीते कई दिनों से विरोध प्रदर्शन की तैयारी कर रहे थे। इनके हाथों में चीन विरोधी नारे लिखे बैनर थे। बहुत के हाथों में थे भारत के पक्ष में लिखे नारे। राजधानी में बड़ी संख्या में तिब्बती रहते हैं।