पड़ोसी चीन से सीखें भ्रष्टाचार से निबटने के तरीके
एक
साल
में
100
बिलियन
डॉलर
जहां
भारत
में
बड़े
और
प्रभावशाली
लोगों
के
खिलाफ
कड़े
कदम
उठाने
में
एक
हिचक
दिखाई
जाती
है
तो
वहीं
चीन
ने
अपने
पेट्रोलियम
मिनिस्टर
और
एक
लेफ्टिनेंट
जनरल
के
खिलाफ
कार्रवाई
की।
चीन
ने
भ्रष्टाचार
में
शामिल
हाई
प्रोफाइल
लोगों
के
यहां
पर
छापा
मारा
और
20
बिलियन
डॉलर
से
भी
ज्यादा
की
ऐसी
रकम
को
जब्त
किया
जो
भ्रष्टाचार
के
तरीकों
को
अपनाकर
इकट्ठा
की
गई
थी।
अमेरिकन
बैंक
मेरिल
लिंच
की
मानें
तो
भ्रष्टाचार
के
खिलाफ
चलाए
गए
अभियान
से
जो
राशि
इकट्ठा
की
गई
है
वह
चीन
की
अर्थव्यवस्था
को
100
बिलियन
डॉलर
की
वित्तीय
मदद
आने
वाले
दिनों
में
देगी।
पेट्रोलियम
मिनिस्टर
के
पास
से
14.5
बिलियन
डॉलर
चीन
ने
सरकार
में
शामिल
लोगों
और
उन
सभी
अधिकरियों
के
खिलाफ
कड़ी
कार्रवाई
की
जिन्होंने
पिछले
एक
दशक
के
दौरान
स्टेट
फंड
में
चोरी
की
या
फिर
उसे
अपने
हितों
के
लिए
प्रयोग
किया।
चीन
ने
पूर्व
सुरक्षा
प्रमुख
और
पेट्रोलियम
मंत्री
झोयू
यांगकैंग
पर
किसी
भी
तरह
का
आपराधिक
मुकदमा
दर्ज
नहीं
किया
गया
है
लेकिन
उनकी
गिरफ्तारी
से
चीन
ने
दुनिया
को
एक
इशारा
कर
दिया
है
कि
वह
किसी
भी
कीमत
पर
भ्रष्टाचार
को
बर्दाश्त
नहीं
करेगा।
पढ़ें- एशिया के टॉप प्रभावशाली लोगों में सोनिया, मोदी
पुलिस ने यांगकैंग के घर से 14.5 बिलियन डॉलर की संपत्ति को जब्त किया है जिसमें कार, रीयल इस्टेट और महंगी ज्वैलरी तक शामिल है। पुलिस के मुताबिक जांच में यांगकैंग के करीबियों से भी संपत्ति जब्त की गई है।
भारत
में
क्या
है
स्थिति
भारत
में
भी
कई
पूर्व
और
वर्तमान
मंत्री
शामिल
हैं
जिन्होंने
इस
तरह
से
अपने
पास
देश
का
धन
एकत्र
कर
रखा
है।
चाहे
वह
कॉमनवेल्थ
गेम्स
घोटाला
हो,
2जी
स्कैम
हो
या
फिर
कोयला
घोटाला,
इन
सारे
घोटालों
में
शामिल
एक
भी
नेता
पर
कड़ी
कार्रवाई
अभी
तक
नहीं
की
जा
सकी
है।
टॉप
बिजनेसमैन
पर
भी
कारवाई
चीन
ने
शिहुआन
हैनलांग
ग्रुप
के
पूर्व
चेयरमैन
ल्यू
हान
के
खिलाफ
ट्रायल
की
शुरुआत
की।
हैनलांग
के
खिलाफ
17
आरोप
जिनमें
हत्या,
वित्तीय
अपराध
और
हमले
जैसे
अपराध
शामिल
हैं,
के
तहत
केस
दर्ज
किए
गए
हैं।
हैनलांग
सात
बिलियन
डॉलर
के
अपराध
के
दोषी
पाए
गए
हैं
और
अगले
कुछ
दिनों
में
हो
सकता
है
कि
उनके
खिलाफ
कोई
कड़ा
फैसला
आ
जाए।
यह
है
भारत
के
हालात
भारत
में
कई
बिजनेसमैन
इस
समय
देश
के
पैसे
का
गलत
प्रयोग
करने
में
लगे
हुए
हैं
लेकिन
कार्रवाई
के
नाम
पर
न
तो
सरकार
और
न
ही
अथॉरिटीज
की
ओर
से
कोई
कदम
नहीं
उठाया
गया
है।
सेना
के
अफसर
पर
भी
नरमी
नहीं
इसके
अलावा
पीपुल्स
लिब्रेशन
आर्मी
ऑफ
चाइना
यानी
चीन
की
सेना
में
लेफ्टिनेंट
जनरल
और
आर्मी
में
लॉजिस्टिक्स
के
प्रमुख
ग्यू
जुनशान
को
पिछले
हफ्ते
भ्रष्टाचार
का
दोषी
पाया
गया।
इसके
अलावा
उन
पर
अपनी
ताकत
और
फंड
के
दुरुपयोग
करने
का
भी
दोषी
पाया
गया
है।
जुनशान ने सोना, कैश और रीयल इस्टेट में 100 मिलियन से लेकर कई बिलियन डॉलर तक का निवेश किया था। पिछले दिनों चार ट्रक जब लूट का शिकार बनें तो जुनशान को अपने पास मौजूद संपत्ति की घोषणा करनी पड़ी। लूटे गए सामान में माओ जेडांग की सोने की मूर्ति भी शामिल थी।
भारत
की
बुरी
स्थिति
टाट्रा
स्कैम
में
डिफेंस
मिनिस्ट्री
और
सेना
के
कई
वरिष्ठ
अधिकारी
शामिल
हैं
लेकिन
अभी
तक
कोई
भी
कार्रवाई
नहीं
की
गई
है।
इसके
अलावा
कई
वर्तमान
अधिकारी
भी
अपने
पद
का
दुरुपयोग
करने
में
लगे
रहते
हैं
लेकिन
सरकार
और
अथॉरिटीज
की
ओर
से
हमेशा
आंख
मूंद
ली
जाती
है।
चीन
लाएगा
अमेरिका
में
जमा
काला
धन
और
भारत
बताया
जाता
है
कि
भ्रष्ट
अधिकारी
वर्ष
1990
से
2011
के
बीच
123
बिलियन
डॉलर
की
राशि
को
दूसरे
देशों
में
ले
गए
हैं
और
अब
चीन
इस
राशि
को
अपने
देश
में
लाने
की
तैयारी
कर
चुका
है।
बताया
जाता
है
कि
चीन
के
व्यापारी
और
नेताओं
ने
चीन
का
ज्यादातर
पैसा
संयुक्त
राज्य
अमेरिका
में
जमा
कर
रखा
है।
वहीं
भारत
से
ले
जाया
गया
काला
धन
भी
स्विटजरलैंड
में
जमा
है
लेकिन
इस
कई
लाखों
करोंड़ों
रुपयों
के
काले
धन
को
देश
में
वापस
लाने
की
कोई
भी
कोशिश
भारत
की
ओर
से
नहीं
की
गई
है।